भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chouhan) ने कहा है कि प्रदेश में निर्माण परियोजनाओं का कार्य गुणवत्ता के साथ समय-सीमा में पूर्ण करने पर पूरा ध्यान दें। उन्होंने कहा कि जनता से जुड़े ऐसे कार्यों में ढिलाई बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने अमृत योजना के अंतर्गत रीवा की सीवरेज स्कीम में विलंब के लिए दोषी एजेंसी को टर्मिनेट करने के निर्देश दिए।
उन्होंने कहा कि जन-कल्याण से जुड़े सार्वजनिक कार्यों में विलम्ब नहीं होना चाहिए। रीवा में सीवरेज स्कीम में मार्च 2017 में भूमि उपलब्ध करवा दी गई थी। कुल 199 करोड़ 73 लाख रूपये लागत की योजना में सिर्फ एक चौथाई निर्माण हुआ है। कार्य 2019 के अंत तक पूरा होना था। निर्माण एजेंसी ने पर्याप्त मात्रा में मैन पावर और मशीनरी का डिप्लायमेंट नहीं किया जिसकी वजह से आमजन को समय पर सेवाएं नहीं मिल पाईं। निर्माण एजेंसी को टर्मिनेशन के लिए पूर्व में शोकॉज नोटिस भी दिया गया था।
एनएचएआई के कार्य की प्रशंसा
मुख्यमंत्री ने रीवा-सीधी, चुरहट बायपास ट्विन रोड टनल कार्य में कार्य की रफ्तार अच्छी होने पर नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया की प्रशंसा की। कुल 13.06 किलोमीटर के इस मार्ग में 2.29 किलोमीटर टनल का निर्माण भी किया जा रहा है। कार्य की लागत 703 करोड़ रुपये है। यह कार्य जुलाई 2022 में निर्धारित समय-सीमा से आठ माह पूर्व ही पूरा कर लिया जाएगा।
जबलपुर के फ्लाय-ओवर के निर्माण की बाधाएं दूर कर समय पर पूरा करें कार्य
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि जबलपुर के फ्लाय-ओवर के निर्माण की बाधाएं दूर कर समय पर कार्य पूरा करें। फ्लाय-ओवर के निर्माण के लिए 105 अतिक्रमण भी हटाए जाने हैं। उन्होंने कलेक्टर जबलपुर को फ्लाय-ओवर के निर्माण के समय रेलवे सहित अन्य सभी संबंधित विभागों और एजेंसियों से सम्पर्क कर आवश्यक समन्वय करने के बाद मई 2023 तक कार्य की पूर्णता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
वर्तमान में दमोह नाका से रानीताल, मदन महल तक 5.905 किलोमीटर लम्बाई के फ्लाय-ओवर के कार्यों पर 102 करोड़ रुपये की राशि व्यय की जा चुकी है। कार्य की कुल लागत 767 करोड़ 99 लाख रुपये है। फ्लाय-ओवर का निर्माण हो जाने से जबलपुर शहरी क्षेत्र में, जहाँ सघन बसाहट है, बड़ी आबादी को यातायात में काफी सुविधा हो जाएगी।
मुख्यमंत्री ने प्रगति ऑनलाइन 13 में खंडवा जिले की छेगाँव-माखन सिंचाई परियोजना, धार और झाबुआ जिले में पेटलावद-थांदला-सरदारपुर माइक्रो इरीगेशन परियोजना के कार्यों को भी बिना विलंब पूर्ण करने के निर्देश दिए। खंडवा की परियोजना के लिए नर्मदा घाटी विकास विभाग द्वारा 536 करोड़ 99 लाख की लागत से 35 हजार हेक्टेयर में सिंचाई सुविधा विकसित की जा रही है। कुल 73 गांव लाभान्वित होंगे। यह कार्य मई 2022 में पूरा होगा। धार-झाबुआ जिलों में 57 हजार 422 हेक्टेयर में 1699 करोड़ 83 लाख रुपये की लागत से माइक्रो इरीगेशन परियोजना के माध्यम से धार जिले के 66 और झाबुआ जिले के 153 गांव में सिंचाई सुविधाओं का विस्तार होगा। परियोजना के कार्य जनवरी 2023 तक पूरा करने का लक्ष्य है।
मुख्यमंत्री चौहान ने समस्त कार्यों में गुणवत्ता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। समीक्षा बैठक में नर्मदा घाटी विकास राज्य मंत्री भारत सिंह कुशवाहा, मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस और संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे।