जन्माष्टमी पर भगवान कृष्ण की पूजा में जरूर शामिल करें ये 5 चीजें, जानें इसका महत्व

भगवान कृष्ण के जन्मोत्सव जन्माष्टमी (Janmashtami) का त्योहार इस साल 30 अगस्त को मनाया जाएगा। मान्यता है कि श्री कृष्ण का जन्म हिंदू कैलेंडर के मुताबिक भाद्रपद मास की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को हुआ था। श्री कृष्ण को भगवान विष्णु का आठवां अवतार कहा गया है।
इस बेहद खास दिन को कृष्ण जन्माष्टमी और गोकुलाष्टमी जैसे नामों से भी जाना जाता है। इस दिन लोग व्रत रखकर विधि-विधान से पूजा करके रात 12 बजे भगवान कृष्ण का जन्मोत्सव मनाते हैं। इस दिन मंदिरों सहित लोग अपने घरों में भी झाकियां भी लगाते हैं। कई तरह के पकवान बनाए जाते हैं और लड्डू गोपाल को भोग लगाया जाता है।
हालांकि क्या आप जानते हैं कि कृष्ण जन्माष्टमी के दिन श्री कृष्ण की पूजा में किन जरूरी चीजों का इस्तेमाल करना चाहिए। हम आपको आज इसी के बारे में बताने जा रहे हैं।
1) माखन और मिसरी- मान्यता है कि कृष्ण को बचपन से ही माखन और मिसरी बहुत पसंद था। यही कारण है कि वे गोकुल में दूसरी गोपियों का भी माखन चुराकर खा जाया करते थे। उनका एक नाम माखनचोर भी है। इसलिए जन्माष्टमी पूजा में कान्हा को माखन मिसरी का भोग लगाएं। घी का भी भोग लगाएं।
2) भगवान कृष्ण को बांसुरी भी बहुत प्रिय है। श्रीकृष्ण को मुरली मनोहर भी कहा गया है। ऐसी मान्यता है कि जिस घर में बांसुरी हो वहां पर भगवान कृष्ण का वास होता है। इसलिए पूजा में बांसुरी को भी जरूर रखें।
3) भगवान कृष्ण को गायों से भी बहुत प्रेम है। वह अक्सर गाय के बछड़े के साथ खेला करते थे और गाय को चराने जाया करते थे। इसलिए जन्माष्टमी पूजा में आप गाय की छोटी सी मूर्ति रख सकते हैं। घर पर अगर आप गाय पालते हैं तो उनकी भी पूजा जरूर करें। इस दिन गौसेवा का महत्व खास है।
4) श्री कृष्ण अपने मुकुट में हमेशा मोरपंख का पंख रखते थे। जन्माष्टमी की पूजा में इसलिए मोरपंख का इस्तेमाल करना चाहिए। मान्यता है कि घर के पूजा के स्थान पर मोरपंख रखने से घर से नकरात्मकता दूर रहती है।
5) श्री कृष्ण की पूजा में पंचामृत का उपयोग जरूर करें। पंचामृत को पांच चीजों से मिलकर बनाया जाता है और फिर इससे भगवान को भोग लगाया जाता है। इसमें पांच मेवा, दूध, दही, घी, गंगाजल और शहद का इस्तेमाल होता है। पंचामृत भगवान कृष्ण के भोग के लिए सबसे जरूरी और उत्तम माना गया है।



