नई दिल्ली ; उम्र के साथ शरीर ही नहीं मस्तिष्क भी बुढ़ा होने लगता है। इसलिए अक्सर ज्यादा उम्र के लोगों में बातों को भूलने की परेशानी होती है। माना जाता है कि जीवन के प्रारंभिक वर्षों में, मस्तिष्क हर सेकेंड में एक लाख से अधिक नए न्यूरो कनेक्शन बनाता है। 6 साल की उम्र तक, मस्तिष्क का आकार उसके आयतन के लगभग 90% तक बढ़ जाता है। फिर, व्यक्ति के 30 और 40 के उम्र के बाद उसका मस्तिष्क सिकुड़ने लगता है।
लेकिन कुछ मामलों में मस्तिष्क संबंधित बीमारी जैसे बातों को भूलना, एकाग्रता में कमी युवाओं में भी देखने के लिए मिलती है। आपका मस्तिष्क कितने बेहतर तरीके से काम करेगा यह आपके खान-पान और मानसिक गतिविधियो पर निर्भर करता है। कुछ बीमारियां भीआपके मस्तिष्क के स्वास्थ्य को बिगाड़ने का काम करती है। मतलब कि शारीरिक स्वास्थ्य पर आपका मानसिक स्वास्थ्य निर्भर करता है। ऐसे में योगा से आप मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य का ख्याल एख साथ रख सकते हैं। बता दें कि इसी जागरूकता को फैलाने के लिए हर साल 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया जाता है।
योग और स्वास्थ्य को समर्पित इस महीने में हम आपको कई योग आसन बता रहें हैं जिन्हें याददाश्त को बढ़ाने, एकाग्रता और ध्यान में सुधार करने और समग्र ज्ञान को बेहतर बनाने के लिए डिज़ाइन किया गया है। इन आसनों का अभ्यास करने से अल्जाइमर जैसे उम्र से संबंधित मस्तिष्क विकारों की शुरुआत को रोका जा सकता है।
भ्रामरी प्राणायाम
फायदे-भ्रामरी प्राणायाम तनाव और थकान और नकारात्मक भावनाओं, जैसे चिंता, क्रोध और निराशा को दूर करने में आपके दिमाग को शांत करने में मदद करता है।
कैसे करें-कनिष्का उंगली मुंह के दोनों ओर, अनामिका- नाक के दोनों ओर, मध्यमा- आँखों के कोनों पर, तर्जनी दोनों ओर की कनपटी पर और अंगूठे से अपने दोनों कानों को बंद कर लें। अब नाक से सांस लें, थोड़ा सा रुकें , अब सांस छोड़ते हुए मधुमक्खी के भिनभिनाने जैसी ध्वनि निकालें। ध्यान रखें कि आपका मुंह बंद रहे और नाक से ही सांस लें और छोड़ें। ऐसा 5-7 बार करें।
पद्मासन
फायदे- तनावपूर्ण दिन के बाद यह आसान आपके मन और शरीर को आराम प्रदान कर सकता है। जितना अधिक आपका शरीर तनाव से मुक्त रहेगा उतना ही आपका मस्तिष्क खुद को फिर से जीवंत करने में सक्षम होता है।
कैसे करें- अपने दाहिने पैर को अपनी बाईं जांघ पर और अपने बाएं पैर को अपनी दाहिनी जांघ पर रखकर, अपने पैरों के तलवों को ऊपर की ओर करके बैठें। अपनी तर्जनी और अंगूठे को एक साथ रखते हुए अपने हाथों को मुद्रा की स्थिति में रखें और अपनी बाकी उंगलियों को नीचे की ओर फैलाएं। गहरी सांस लें और छोड़ें।
पश्चिमोत्तानासन
फायदे- यह आसन न केवल पूरे दिन कुर्सी पर बैठने के बाद आपकी रीढ़ को खिंचाव देने में मदद करता है, बल्कि यह आपकी पीठ के निचले हिस्से को तनाव से राहत दिलाता है। साथ ही दिमाग को तनाव से मुक्त करता है, इसे शांत करता है और रक्त की आपूर्ति को बढ़ाता है। आपकी रीढ़ की हड्डी के खिंचाव से चिड़चिड़ापन और क्रोध जैसी नकारात्मक भावनाओं को भी दूर करने में मदद मिलती है।
कैसे करें- जमीन पर दोनों पैरों को एकदम सीधे फैलाकर बैठ जाएं। दोनों पैरों के बीच में दूरी न हो और जितना संभव हो पैरों को सीधे रखें। इसके साथ ही गर्दन, सिर और रीढ़ की हड्डी को भी सीधा रखें। अपनी दोनों हथेलियों को दोनों घुटनों पर रखें।अब अपने सिर और धड़ को आगे की ओर झुकाएं और अपने घुटनों को बिना मोड़े हाथों की उंगलियों से पैरों की उंगलियों को छूने की कोशिश करें। ऐसा करते हुए गहरी सांस लें और छोड़ें। अपने सिरसे दोनों घुटनों को और कोहनी से जमीन को छूने की कोशिश करें। फिर सामान्य मुद्रा में आ जाए और आराम से सांस लें। इस आसन को 3 से 4 बार दोहराएं।
नादिसुधि प्राणायाम
फायदे-ऑक्सीजन आपके मस्तिष्क के कामकाज को बेहतर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। इसके लिए योगा आसान आपके मस्तिष्क को ऑक्सीजन की अतिरिक्त खुराक प्रदान करती है। जैसे ही आप आसन करते समय अपनी हृदय गति में गिरावट का अनुभव करते हैं। इससे तनाव और चिंता में कमी आती है।
कैसे करें- क्रॉस लेग्ड पोजीशन में आराम से बैठ जाएं और गहरी सांस छोड़ें। अपने दाहिने नथुने को अपने अंगूठे से बंद रखें और बाएं से सांस लें। फिर अपने दाहिने नथुने को खोलने से पहले अपने दोनों नथुनों को कुछ सेकंड के लिए बंद रखें और इससे सांस छोड़ते हुए बाएं को बंद रखें। प्रक्रिया को दोहराएं, लेकिन इस बार अपने दाहिने नथुने से शुरू करें जो पहले से खुला है।
ताड़ासन
फायदे- यह मुद्रा बेचैनी के वजह से नींद न आने की परेशानी को मददगार होती है। यह आपको सिरदर्द और अनिद्रा से राहत दिलाने में मदद कर सकता है।
कैसे करें- सीधे खड़े होकर आपने पैरों के बीच हिप्स जितना फासला रखें। उगंलियों को एक दूसरे में फंसाकर सांस को अंदर लें ऐसा करते हुए उगंलियों को ऊपर की ओर लेकर जाएं। ऐसा करते हुए एड़ियां उठाएं और पंजों पर खड़े होने की कोशश करें। इस दौरान पैरों से लेकर सिर तक के बॉडी पार्ट्स को ऊपर की ओर स्ट्रेच करने की कोशिश करें। फिर हाथों और एड़ियों को नीचे लेकर आते हुए सांस बाहर छोड़ें ध्यान रखें कि नीचे आते हुए हाथों को ढीला न छोड़ें। दूसरी बार भी इसी तरह करें। और तीसरी बार में एड़ियां न उठाकर सिर्फ हाथों को उठाएं और बॉडी को ऊपर की ओर स्ट्रेच करें। ऐसे एक राउंड पूरा हो जाएगा।