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एक अक्टूबर से बदल जाएंगे इनकम टैक्स से जुड़े ये 6 नियम, जानें पूरी डिटेल

नई दिल्ली : इनकम टैक्स से जुड़े कुछ नियमों में एक अक्टूबर से बदलाव हो रहा है। इस साल जुलाई में पेश हुए बजट में इन नियमों के बारे में कहा गया था। जो बदलाव होंगे उनमें आधार कार्ड, एसटीटी, टीडीएस दर आदि शामिल हैं। कोई रेगुलर इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करता हो या पहली बार टैक्स फाइल करने जा रहा हो, सभी को इन नियमों में बदलाव के बारे में जानना चाहिए। इन नियमों के बारे में पता न होने पर कई तरह की परेशानियों में घिर सकते हैं।

जुलाई 2024 में पेश हुए बजट में फ्यूचर्स एंड ऑप्शंस (F&O) पर सिक्यूरिटीज ट्रांजेक्शन टैक्स (STT) बढ़ाने की बात कही गई थी। फ्यूचर्स पर STT 0.02 फीसदी तक और ऑप्शंस पर 0.1 फीसदी तक बढ़ा दिया था। इसके अलावा शेयर बायबैक से हुई आय पर लाभार्थियों पर भी टैक्स लगेगा। यह संशोधन पारित हो गया है और 1 अक्टूबर से प्रभावी होगा।

आधार संख्या के बदले आधार नामांकन आईडी, आईटीआर में आधार और पैन आवेदनों का हवाला देने की अनुमति देने वाले प्रावधान एक अक्टूबर से लागू नहीं होंगे। यह कदम इसलिए उठाया गया ताकि पैन दुरुपयोग और डुप्लिकेशन रोका जा सके।

एक अक्टूबर से शेयरों की पुनर्खरीद (बाय बैक) पर डिविडेंड्स की तरह ही शेयरहोल्डर लेवल के टैक्स लागू होंगे। इससे निवेशकों पर टैक्स का बोझ बढ़ जाएगा। इसके अतिरिक्त किसी भी कैपिटल गेंस या लॉस की गणना करते समय इन शेयरों के शेयरधारक की अधिग्रहण लागत को भी ध्यान में रखा जाएगा।

बजट 2024 में यह घोषणा की गई थी कि एक अक्टूबर 2024 से फ्लोटिंग रेट बॉन्ड सहित कुछ केंद्रीय और राज्य सरकार के बॉन्ड से 10 फीसदी की दर से टीडीएस की कटौती की जाएगी। अगर पूरे साल में रेवेन्यू 10 हजार रुपये से कम है तो कोई टीडीएस नहीं काटा जाएगा।

धारा 19डीए, 194एच, 194-आईबी और 194एम के तहत भुगतान के लिए टीडीएस दर 5 फीसदी से घटाकर 2 फीसदी कर दी गई। ई-कॉमर्स ऑपरेटरों के लिए टीडीएस दर एक फीसदी से घटाकर 0.1 फीसदी कर दी गई है। ये नई दरें भी एक अक्टूबर से लागू हो जाएंगी।

केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने इनकम टैक्स विवादों के मामलों में लंबित अपीलों का निपटान करने के लिए डायरेक्ट टैक्स विवाद से विश्वास योजना 2024 की घोषणा की है। इसे डीटीवीएसवी 2024 के रूप में भी जाना जाता है। यह योजना एक अक्टूबर से लागू होगी। इसमें ‘पुराने अपीलकर्ता’ की तुलना में ‘नए अपीलकर्ता’ के लिए कम निपटान राशि का प्रावधान है।

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