नई दिल्ली: हम सभी चाहते हैं कि हमारा जीवन स्वस्थ और लंबा हो. वैज्ञानिकों ने भी इस पर कई शोध किए हैं जिसके बाद उनका कहना है कि लंबे समय तक जीवित रहने का रहस्य हमारे सामाजिक संबंध, नींद की आदतें, खुशी का स्तर, पर्यावरण और उद्देश्य की भावना में शामिल है. लेकिन लंबे समय तक जीवित रहने के लिए सबसे महत्वपूर्ण घटक हमारा खाना और पीना है.
अमेरिका के नेशनल ज्योग्राफिक फेलो, पुरस्कार विजेता पत्रकार और डॉक्यूमेंट्री मेकर डैन ब्यूटनर ने आहार और लंबी आयु पर कई शोध किए हैं. ब्यूटनर को सबसे पहले पृथ्वी के ‘ब्लू जोन’ की पहचान करने का श्रेय दिया जाता है. ब्लू जोन पृथ्वी के वो पांच जगह हैं जहां के लोग सबसे लंबे समय तक, स्वस्थ जीवन जीते हैं. यहां के लोग 100 साल या उससे अधिक जीते हैं और वो भी बिना किसी बीमारी के.
ब्लू जोन्स में उन्होंने जिन जगहों को शामिल किया वो हैं- इकारिया (ग्रीस), सार्डिनिया (इटली), ओकिनावा (जापान), लोमा लिंडा (कैलिफोर्निया) और निकोया (कोस्टा रिका).
डैन ब्यूटनर ने अपने एक पॉडकास्ट में कहा था, ‘यदि आप विकसित दुनिया में रहने वाले एक औसत व्यक्ति हैं, तो आप शायद लगभग 14 साल की जीवन प्रत्याशा खो रहे हैं, और इसका सबसे बड़ा कारण आपका लजीज, हाइली प्रोसेस्ड खाना है. लेकिन हमारे पास इसके अलावा कोई विकल्प नहीं है.’
साथ ही डैन ब्यूटनर ने बताया था कि हम अपनी दुनिया में रहकर भी ब्लू जोन के लोगों जैसा खाना बनाना और खाना सीख सकते हैं. उन्होंने दस ऐसे फूड्स के बारे में बताए हैं जिन्हें ब्लू जोन्स के लोग खाते हैं. इन फूड्स को मामूली कोशिश से हम भी अपने भोजन में शामिल कर सकते हैं. और सबसे दिलचस्प बात तो यह है कि लगभग सभी ब्लू जोन्स के लोग अपने पीने में चाय-कॉफी और वाइन को शामिल करते हैं.
ब्लू जोन्स के लोगों के भोजन का 95% हिस्सा पौधों से आता है. आप अपने भोजन में अधिक से अधिक पौधों से प्राप्त उत्पादों को प्राथमिकता दें. बीन्स, साग- विशेष रूप से पालक, शकरकंद, नट्स और बीज, साबुत अनाज भरपूर मात्रा में खाएं.
पांच में से चार ब्लू जोन्स में लोग मांस का सेवन करते हैं. लेकिन ब्लू जोन्स में मांस खाने वाले लोग बस इसे किसी उत्सव के दिन ही साइड डिश के रूप में खाते हैं. अगर आप मीट खाने के शौकीन हैं तो हफ्ते में दो से अधिक बार इसका सेवन न करें. यह भी ध्यान रखें कि आप जो मांस खा रहे हैं वो ताजा हो, प्रोसेस्ड मीट न हो.
आमतौर पर प्रत्येक ब्लू जोन के लोग प्रतिदिन थोड़ी मात्रा में मछली खाते हैं. आप लंबी उम्र के लिए रोजाना मछलियों को अपने खाने में शामिल कर सकते हैं. खाने में वैसी मछलियों को शामिल करें जिनमें पारा की मात्रा न के बराबर हो.
हमें अक्सर कहा जाता है कि स्वस्थ रहने और कैल्सियम की आपूर्ति के लिए गाय के दूध से बनी चीजों का सेवन करें लेकिन किसी भी ब्लू जोन के आहार में गाय का दूध महत्वपूर्ण रूप से शामिल नहीं है. यहां के लोग बकरी या भेड़ के दूध से दही या पनीर बनाते हैं और यही उनकी आहार में शामिल होता है.
कई रिसर्च से भी पता चला है कि हमारा पाचन तंत्र गाय के दूध उत्पादों के लिए अनुकूल नहीं हैं. गाय के दूध के बजाए हम एक कप टोफू ले सकते हैं, इससे एक कप दूध जितना ही कैल्सियम मिलता है.
ब्लू जोन के निवासी आमतौर पर एक हफ्ते में तीन अंडे से अधिक नहीं खाते हैं. यहां के लोग मांस के साथ अंडे को साइड डिश के रूप में खाते हैं या साबुत अनाज के साथ खाते हैं. कुछ लोग अपने सूप में अंडा उबाल के खाते हैं तो कुछ बींस के साथ अंडा फ्राई करके खाते हैं. ब्लू जोन्स के कुछ लोग अंडे को नाश्ते में लेते हैं.
रोजाना कम से कम आधा कप बीन्स और फलियां खाएं, चाहे वे किसी भी प्रकार की हों. बीन्स ब्लू जोन्स में खाई जाने वाली सबसे सामान्य आहार है. खाने में काली बीन्स, दाल, छोले और सोयाबीन को शामिल करें. ब्लू जोन के लोग ज्यादातर विकसित देशों की तुलना में औसतन चार गुना अधिक फलियां खाते हैं.
ब्लू जोन के लोग किसी सेलिब्रेशन के दौरान ही मिठाईयां खाते हैं. आप अगर लंबा जीना चाहते हैं तो वैसे किसी भी उत्पाद का सेवन न करें जिसके पहले पांच इंग्रेडिएंट्स में चीनी शामिल हो. चीनी को खाने में प्रतिदिन 100 कैलोरी तक सीमित करें. यह शुगर कैलोरी भी अगर सुखे मेवे से मिले तो सबसे बेहतर. एक दिन में सात चम्मच चीनी की मात्रा अधिकतम होनी चाहिए.
एक दिन में दो मुट्ठी नट्स खाएं. ब्लू जोन्स के लोग रोजाना लगभग दो मुट्ठी नट्स खाते हैं. बादाम, पिस्ता, अकरोट को नियमित रूप से खाएं. हार्वर्ड के एक अध्ययन से पता चला है कि अखरोट खाने वालों में अखरोट न खाने वालों की तुलना में मृत्यु दर 20 प्रतिशत कम होती है.
हम जो ब्रेड खाते हैं उसमें अधिकांश शुगर होता है और उससे हमें बस हमारी कैलोरी बढ़ती है. पारंपरिक ब्लू जोन में ब्रेड को साबुत अनाज जैसे कि गेहूं, राई और जौ से बनाया जाता है. इन इलाकों में खट्टा – ब्रेड भी बनाया जाता है जो साबूत अनाज में जो स्वाभाविक रूप से पाए जाने वाले बैक्टीरिया से बने होते हैं. इसमें कम ग्लूटेन होता है और इसे लंबे समय तक रखा जा सकता है.
हमारे पूर्वज साबूत अनाज खाते थे जो बिल्कुल प्रोसेस्ड नहीं होता था. इसलिए वो कई तरह की बीमारियों से बचे रहते थे और लंबे समय तक जीते थे. ब्लू जोन के लोग भी ऐसा ही भोजन करते हैं. वो अपना अधिकतर भोजन कच्चा, हल्का पका या पीसकर खाते हैं.
ब्लू ज़ोन के लोग अपने खाने में आधे दर्जन से अधिक सामग्री को शामिल करते हैं. इसे मिलाकर आचार की तरह बना लेते हैं और लंबे समय तक उसका सेवन करते हैं. वो अपने खाने में आर्टिफिशियल प्रिजर्वेटिव का इस्तेमाल नहीं करते.