नई दिल्ली : हृदय रोगों का खतरा सभी उम्र के लोगों में देखा जा रहा है। कुछ दशकों पहले तक हृदय रोगों को उम्र बढ़ने के साथ होने वाली समस्या के तौर पर जाना जाता था हालांकि अब कम आयु के, यहां तक कि 30 से कम उम्र के लोग भी इसका शिकार हो रहे हैं। जिन कारकों को इस समस्या के लिए जिम्मेदार माना जाता है उनमें ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल का बढ़ा हुआ स्तर प्रमुख है।
कोलेस्ट्रॉल एक मोम जैसा वसा होता है जो आपके शरीर की सभी कोशिकाओं में पाया जाता है। शरीर को हार्मोन्स, विटामिन डी और खाद्य पदार्थों को पचाने में मदद करने वाले पदार्थ बनाने के लिए कुछ प्रकार के कोलेस्ट्रॉल की आवश्यकता होती है। हालांकि अगर शरीर में इसकी अधिकता हो जाए तो इसके गंभीर दुष्प्रभाव हो सकते हैं।
कोलेस्ट्रॉल दो प्रकार का होता है- गुड और बैड। रक्त में बैड कोलेस्ट्रॉल की मात्रा अधिक होने से हृदय रोग, स्ट्रोक और अन्य गंभीर समस्याओं का जोखिम बढ़ जाता है। हाई कोलेस्ट्रॉल मुख्य रूप से वसायुक्त भोजन खाने, पर्याप्त व्यायाम न करने, अधिक वजन होने, धूम्रपान करने और शराब पीने के कारण होता है। जिन लोगों के परिवार में पहले से किसी को हाई कोलेस्ट्रॉल की समस्या रही है उन्हें अतिरिक्त सावधानी बरतते रहने की सलाह दी जाती है।
आहार में कुछ प्रकार के बदलाव कोलेस्ट्रॉल को कम करने में मददगार हो सकते हैं। इसके लिए सबसे जरूरी है कि आप भोजन से सैचुरेटेड फैट (संतृप्त वसा) वाली चीजों को कम करें। संतृप्त वसा, जो मुख्य रूप से रेड मीट और फुल फैट वाले डेयरी उत्पादों में पाए जाते हैं, ये कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाते हैं कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल करने और हृदय को स्वस्थ रखने के लिए ओमेगा-3 फैटी एसिड से भरपूर खाद्य पदार्थ खाएं। ओमेगा-3 फैटी एसिड वाले खाद्य पदार्थों में फैटी फिश, अखरोट और अलसी के बीज शामिल हैं।