बिना हड्डियों के हमारा शरीर आटे की लुगदी के समान होगा। अगर हड्डियां स्वस्थ नहीं होंगी तो हमारी दिन प्रतिदिन की जिंदगी का कोई मोल नहीं रह जाएगा। हम रोजाना ऐसे कई काम करते हैं जो हमारी हड्डियों को नुकसान पहुंचाते हैं। कमजोर हड्डियों का कारण हमारी बुरी आदतें होती हैं। हेल्दी लाइफस्टाइल को अपनाकर हम अपनी हड्डियों को स्वस्थ रख सकते हैं। दिल्ली के धर्मशिला अस्पताल में हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ. मोनू सिंह बताते हैं कि इंसान की कुछ खराब आदतों की वजह से हड्डियां कमजोर होती हैं। अगर इनमें बदलाव कर लिया जाए तो ओस्टियोपोरोसिस जैसी परेशानियों से बचा जा सकता है। तो आइए डॉक्टर से जानते हैं कि वो कौन सी बुरी आदते हैं जो हड्डियों को नुकसान पहुंचाती हैं।
हड्डियों की कमजोरी का कारण हैं ये आदतें
धूम्रपान करना-
डॉ. मोनू सिंह का कहना है कि स्मोकिंग से हड्डियां कमजोर होती हैं। जो लोग स्मोकिंग ज्यादा करते हैं उनमें ऑस्टियोपोरोसिस की समस्या की संभावना ज्यादा होती है।
शराब पीना-
डॉक्टर का कहना है कि जो लोग शराब का सेवन करते हैं उनकी भी हड्डियां जल्दी कमजोर हो जाती हैं। दरअसल शराब पीने से मालाब्सॉर्पशन सिंड्रोम और ऑस्टेपोरोसिस होता है, जो कमजोर हड्डियों का कारण बनता है। डॉक्टर कहते हैं कि स्वस्थ हड्डियों के लिए शराब का सेवन नहीं करना चाहिए।
बंद कमरे में रहना-
कोरोना की वजह से लोग अभी घरों में हैं, लेकिन घर में रहकर भी वे सूरज की रोशनी ले सकते हैं। डॉक्टर बताते हैं कि आजकल लोग घूप में ज्यादा बाहर नहीं निकलना चाहते, ऐसे में शरीर में विटामिन डी की कमी हो जाती है। इसलिए हड्डियां कमजोर होती हैं। अभी लोग घरों में हैं तब भी सुबह की धूप अपनी बाल्कनी में आकर ली जा सकती है।
एक्सरसाइज न करना-
अक्सर लोगों को आदत होती है कि खाना खाया और बिस्तर पर लेट गए। लेकिन जो खाना आप खा रहे हैं उसे बाहर भी तो निकलना है। एक्सरसाइज के माध्यम से शरीर से पसीना निकलता है जिससे हानिकारक पदार्थ शरीर से बाहर निकलते हैं और आपकी त्वचा निखरती है। एक्सरसाइज केवल त्वचा के लिए ही नहीं बल्कि हड्डियों कि मजबूती के लिए भी बहुत जरूरी है। डॉक्टर का कहना है कि एक्सरसाइज नहीं करने से मासपेशियों में जल्दी एजिंग होने लगती है।
वजन-
वजन कम हो या ज्यादा हड्डियों के लिए दोनों में से कोई ठीक नहीं है। दरअसल डॉ. मोनू सिंह का कहना है कि जिन लोगों का वजन ज्यादा होता उनमें जोड़ों पर असर पड़ता है। वजन कम होने से मांसपेशियों का हड्डियों पर नॉर्मल स्टिम्युलेशन नहीं होता, जिसकी वजह से यह हड्डियां कमजोर होती हैं।