आईपीएल से जुड़े ये झूठ, आज भी लोगो की निगाह में है सच
स्पोर्ट्स डेस्क : आईपीएल टूर्नामेंट का आगाज वर्ष 2008 में हुआ था. क्रिकेट फैन्स के लिये ये टूर्नामेंट मनोरंजन का जरिया हो गया है. वैसे अपने 14 वर्ष के लंबे सफर में आईपीएल ने नये कीर्तिमान स्थापित किये हैं.
इस दौरान टूर्नामेंट ने कई छोटी-बड़ी सुर्खियां बटोरी हैं हालांकि, आईपीएल को लेकर कई तरह की झूठी धारणाएं भी अक्सर लोगों के बीच रहती हैं, जिन्हें लोग आज भी सच मानकर चलते हैं.
पांच झूठ
सीएसके और राजस्थान रॉयल्स पर मैच सट्टेबाजी की वजह से प्रतिबंध :
लोग मानते है कि चेन्नई सुपर किंग्स और राजस्थान रॉयल्स को मैच सट्टेबाजी की वजह से प्रतिबंधित किया गया था. दरअसल, क्रिकेट फैन्स का मानना है कि 2015 के सत्र में सीएसके और राजस्थान रॉयल्स पर मैच सट्टेबाजी की वजह से बैन लगा था, लेकिन ये सच नहीं है.
दरअसल दोनों ही टीम के मुख्य अधिकारी गुरुनाथ मयप्पन और राज कुंद्रा को स्पॉट फिक्सिंग की वजह से बर्खास्त किया था और बीसीसीआई ने सीएसके और राजस्थान रॉयल्स के खेलने पर भी 2 वर्ष का बैन लगा दिया था. दरअसल मैच सट्टेबाजी और स्पॉट फिक्सिंग दोनों अलग एक्ट हैं,
स्पॉट फिक्सिंग में पहले से ही किसी खास गतिविधि को बता दिया जाता है कि इस तरह से ये घटना घटेगी, लेकिन मैच सट्टेबाजी में मैच का परिणाम या प्लेयर अधिकारियों द्वारा फिक्स कर दिया जाता है.
मुंबई इंडियंस के फेवर में अंपायर :
पांच बार आईपीएल चैंपियन रही मुंबई इंडियंस के लिये ये धारणा है कि मुंबई इंडियंस अंपायरों को खरीदकर अपने पक्ष में कर लेती है. जिसकी वजह से अंपायर मुंबई के हक में अधिक फैसले देते हैं और इसी वजह से मुंबई इतने खिताब जीतने में भी कामयाब रही है.
वैसे मुंबई इंडियंस अपने प्लेयर्स की खान-पान से लेकर फिटनेस तक का ध्यान रखती है. मुंबई ने इस तरह की क्रिकेट ब्रांड कायम की है कि उसके प्लेयर अन्य टीम में या नेशनल टीम में भी खेलते हैं तो अच्छा प्रदर्शन करते हैं. इस ही वजह से वो पांच बार चैंपियन बनी हैं.
मैच के दौरान अंपायरों से भी कई गलतियां होती है इसका मतलब ये कतई नहीं है कि वो मुंबई इंडियंस या किसी और टीम से मिले होते हैं. वैसे 2019 के दौरान धोनी को गलत रन आउट दिया गया हो, या 2017 के फाइनल में स्टीव स्मिथ को दी गई वाइड गेंद का मामला रहा हो, ये सब फैसले अम्पायरों के लिये निर्णायक भूमिका में कठिन थे.
डेक्कन चार्जर और सनराइजर्स हैदराबाद अलग-अलग टीम
कुछ लोगों का ये भी मानना है कि डेक्कन चार्जर टीम ही सनराइजर्स हैदराबाद है. लेकिन ये गलत है . हालांकि, ये तो सच है कि हैदराबाद की तरफ से ही डेक्कन चार्जर का आगाज हुआ था और ये टीम आईपीएल के शुरुआती 5 सत्र भी खेली और इतना ही नहीं 2009 के दौरान डेक्कन चार्जर आईपीएल चैंपियन भी बनी
लेकिन साल 2012 तक आते-आते ये फ्रेंचाइजी दिवालिया हो चुकी थी. जिसके बाद सन टीवी नेटवर्क ने इस टीम में रूचि दिखाई और इस फ्रेंचाइजी को खरीद लिया. इन्होंने 2013 में नए सिरे से सनराइजर्स हैदराबाद टीम बनाई थी,
सनराइजर्स हैदराबाद ने डेक्कन के अधिकतर प्लेयर्स को टीम में जगह दी थी. जिसकी वजह से लोगों को आज भी लगता है कि डेक्कन चार्जर और सनराइजर्स एक ही टीम हैं. सनराइजर्स 2016 में आईपीएल चैंपियन भी बनी थी.
फिक्स है आईपीएल
कुछ लोग आईपीएल से जुड़ी इस धारणा को आज भी सच मानते हैं कि आईपीएल एक फिक्स टूर्नामेंट की तरह काम कर रही है. सच्चाई ये है कि आईपीएल के इतिहास में ये कोरी अफवाह है जिसे लोग सच मान बैठे हैं.
जहां तक बात आईपीएल सट्टेबाजी की है, तो बीसीसीआई ने प्लेयर्स और फ्रेंचाइजियों को मॉनिटर करने के लिये पहले से ही नियम बना रखे हैं. बीसीसीआई ने पहले भी टीम के अधिकारीयों पर कड़ी कार्यवाही करते हुए मयप्पन और कुंद्रा जैसे अधिकारियों पर आजीवन निलंबन कर दिया है.
क्रिस मॉरिस आईपीएल इतिहास के सबसे महंगे प्लेयर
आईपीएल 2021 की नीलामी के बाद से सभी का ये मानना है कि क्रिस मॉरिस आईपीएल इतिहास के सबसे महंगे प्लेयर हैं. जिन्हें राजस्थान रॉयल्स ने 16.25 करोड़ रुपये में ख़रीदा है. लेकिन ये सच नहीं है.
क्योंकि 2018 के सत्र में आरसीबी ने विराट कोहली को 17 करोड़ देकर रिटेन किया था. इस क्रम में विराट कोहली आईपीएल इतिहास के सबसे महंगे प्लेयर हैं. इसके अलावा फ्रेंचाइजी में ऐसे बहुत से प्लेयर हैं, जिन्हें टीमें हर वर्ष ज्यादा रकम देकर रिटेन करती हैं. कई बार इन बातों का खुलासा टाइम से नहीं होता है.
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