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रसोई घर में ये गलतियां बना सकती हैं कंगाल, भूलकर भी ना करें ये काम

नई दिल्ली : वास्तु शास्त्र और ज्योतिष शास्त्र में रसोईघर को काफी महत्वपूर्ण माना जाता है. हिंदू धर्म में रसोई घर में माता अन्नपूर्णा का वास माना गया है. माता अन्नपूर्णा माता लक्ष्मी का ही दूसरा रूप है. मान्यता है कि कोई घर कितना समृद्ध है इसकी पहचान उसकी रसोई से होती है. रसोई घर में इस्तेमाल की जाने वाली हर एक चीज का अपना अलग महत्व होता है. रसोई में इस्तेमाल होने वाली इन्हीं चीजों में से एक है चकला और बेलन. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, चकला-बेलन से रोटी बनाते समय और इसके रख-रखाव को लेकर कई प्रकार की सावधानियां बरतनी चाहिए वरना इसका दुष्प्रभाव देखने को मिल सकता है.

वास्तु शास्त्र मानता है कि यदि आप लकड़ी का चकला-बेलन खरीदने जा रहे हैं तो इसके लिए गुरुवार का दिन सबसे उत्तम होता है. इसके अलावा आप बुधवार को भी लकड़ी से बना चकला-बेलन खरीद कर घर ला सकते हैं. शनिवार और मंगलवार के दिन इसे कभी भी ना खरीदें.

कई बार जल्दबाजी में हम चकला-बेलन खरीद कर घर ले आते हैं, लेकिन इसे खरीदने में बिल्कुल भी जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए. इस बात का सदैव ध्यान रखें कि ये कहीं से भी ऊंचा नीचा ना हो. रोटी बनाते समय इससे उत्पन्न होने वाली आवाज वास्तु दोष का कारण बन सकती है.

वास्तु शास्त्र के अनुसार, ऐसे चकला-बेलन का इस्तेमाल कभी भी नहीं करना चाहिए, जिसमें रोटी बनाते समय आवाज आती हो. ये आवाज गृह क्लेश और धन हानि का कारण बनती है.

वास्तु शास्त्र में बताया गया है कि चकला-बेलन के इस्तेमाल के बाद इसे तुरंत धो कर और सुखा कर ही रखना चाहिए. कभी भी इसका इस्तेमाल करने के बाद इसे गंदा ना छोड़ें. माना जाता है कि चकला-बेलन को गंदा छोड़ देने से घर में वास्तु दोष बढ़ता है और माता अन्नपूर्णा भी रुष्ठ होती हैं.

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