
नई दिल्ली: फेफड़े हमारे शरीर के सबसे महत्वपूर्ण अंगों में से एक हैं, जो शरीर में ऑक्सीजन पहुंचाने और कार्बन डाइऑक्साइड बाहर निकालने का कार्य करते हैं। यदि फेफड़े मजबूत हैं, तो सांस लेने में किसी प्रकार की परेशानी नहीं होती, लेकिन जब फेफड़े कमजोर होने लगते हैं, तो कई स्वास्थ्य समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, कुछ शुरुआती लक्षण स्टेज-1 फेफड़े के कैंसर की ओर संकेत कर सकते हैं, जिन्हें नजरअंदाज करना भारी पड़ सकता है।
खांसी को न समझें मामूली
स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि लगातार बनी रहने वाली सूखी खांसी को हल्के में लेना खतरनाक हो सकता है। स्टेज-1 लंग कैंसर में अक्सर मरीजों को सूखी खांसी की शिकायत होती है। चूंकि इस स्टेज पर लक्षण हल्के होते हैं, कई बार मरीज उन्हें सामान्य सर्दी या एलर्जी समझकर अनदेखा कर देते हैं।
सीने में दर्द या भारीपन
यदि आपको बार-बार सीने में हल्का दर्द, दबाव या भारीपन महसूस होता है, तो यह सामान्य गैस की परेशानी न होकर लंग कैंसर का प्रारंभिक संकेत भी हो सकता है। इसके अलावा सांस फूलना या सांस लेने में परेशानी होना भी एक गंभीर लक्षण हो सकता है।
बार-बार संक्रमण का खतरा
यदि किसी व्यक्ति को बार-बार ब्रोंकाइटिस या निमोनिया जैसी श्वसन समस्याएं हो रही हैं, तो यह चिंता का विषय है। लंग कैंसर की वजह से फेफड़ों की कार्यक्षमता प्रभावित होती है, जिससे बार-बार रेस्पिरेटरी इंफेक्शन हो सकते हैं।
आवाज में बदलाव
फेफड़ों की समस्याओं का असर वॉइस बॉक्स पर भी पड़ सकता है। यदि आपकी आवाज में स्थायी रूप से भारीपन, कर्रापन या बदलाव महसूस हो रहा है, तो डॉक्टर से जांच करवाना आवश्यक है।
स्वास्थ्य जांच है जरूरी
स्वास्थ्य विशेषज्ञों की सलाह है कि यदि ऊपर बताए गए लक्षण लगातार बने हुए हैं, तो जल्द से जल्द विशेषज्ञ से संपर्क करें और आवश्यक जांच कराएं। प्रारंभिक जांच और समय पर निदान से फेफड़े के कैंसर का इलाज संभव हो सकता है।