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इन तीन कामों से वापस लौट आएंगी घर की खुशियां

घर में खुशियां कौन नहीं चाहता। भई हर इंसान चाहता है कि उसके जीवन में केवल खुशियों ही हो लेकिन कई बार लाख कोशिशों के बाद भी लाईफ में परेशानी व मायूसी के अलावा कुछ नहीं होता। ऐसा क्यो ? अब ये ऐसा प्रश्न है जिसका उत्तर हर किसी के पास नहीं होगा। जिस के कारण हम अपनी लाइफ में जबदस्ती आईं इन मुसीबतों को दूर नहीं कर पाते। मगर बता दें हम आपके इन प्रश्नों को उत्तर लाएं है जो दरअसल हमारे पास नहीं बल्कि वास्तु शास्त्र के पास है। जी हां, वास्तु शास्त्र में इन सभी प्रश्नों के उत्तर है कि क्यों घर में सब होते हुए भी खुशियां नहीं होती और इन्हें वापस लाने के लिए क्या करनात चाहिए।

वास्तु शास्त्र के अनुसार घर में तीन चीजों से घर का माहौल बनता व बिगड़ता है। एक घर का रंग, दूसरा घर की तरंग और तीसरा घर में रहने वाले लोग। कहा जाता है अगर इनमें से अगर दो चीजें भी ठीक कर ली जाएं तो अपने आप घर-परिवार में सुख-शांति आ जाती है। तो वहीं अगर इन बातों को नज़रअंदाज किया जाए घर में कलह, पेरशानियां और बीमारियां का वास होने लगता है।

ज्योतिष और वास्तु विशेषज्ञों का मानना है कि घर में आपने कैसा रंग कराया है। यह घर का माहौल तय करता है। इसलिए हमेशा घर में हल्के रंग का पेंट कराएं। खासतौर पर लिविंग एरिया में हल्के पीले, गुलाबी या फिर हरे रंगा का इस्तेमाल करना अच्छा साबित होता है। तो वहीं रसोई में नारंगी रंग का इस्तेमाल शुभ माना जाता है। बेडरूम में गुलाबी या बैगनी के हल्के शेड्स का प्रयोग करना चाहिए। छत का रंग सफ़ेद ही होना चाहिए। घर के पेंट में नीले या नीले रंग के शेड्स का कम से कम इस्तेमाल करें। तो सबसे अच्छा होगा।

इसके अलावा घर में रखें सामान और घर के सदस्यों से तरंगों का निर्माण होता है। घर में फालूत चीजें न रखें। इसके साथ घर में वेंटिलेशन और रोशनी का ध्यान रखें। घर में सूर्य की रोशनी आना सबसे ज्यादा ज़रूरी होता है। जैस ज्यादार लोगों में ये आदत देखी जाती है कि वह उन जूते-चप्पलों को भी घर में रखते हैं जिनकी उन्हें जरूरत भी नहीं होती। माना जाता है कि इसेसे घर की तरंगों खराब होती हैं।

आज कल युवाओं को तेज़ आवाज़ में गाने आदि सुनने की आदत होती है वास्तु शास्त्र के अनुसार ऐसा करने से घर की तरंगों पर असर पड़ता है। अलावा घर की तरंगों और रंग के अलावा घर में रह रहे सदस्यों का रहन सहन भी घर पर प्रभाव डालता है। इसमें सबसे ज्यादा ज़रूरी होता है सदस्यों का रहन-सहन और स्वभाव। कहा जाता है इसी से ही यानि घर के सदस्यों से ही तरंगें बनती हैं और भाग्य भी। इसलिए अपना व्यवहार हमेशा ठीक रखें और घर की चीज़ों को व्यवस्थित कर के रखें। ऐसा करने से आप खुद घर में अच्छा और पॉजिटिव महसूस करने लगेंगे।

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