इस क्रिकेटर ने बताया, क्यों टीम इंडिया 2013 के बाद से नहीं जीत पाई ICC टूर्नामेंट
नई दिल्ली: 2017 में इंग्लैंड और वेल्स में चैंपियंस ट्रॉफी में टीम इंडिया फेवरेट थी। लोग उम्मीद कर रहे थे कि फाइनल में इंग्लैंड और भारत का मुकाबला होगा, लेकिन सरफराज अहमद के नेतृत्व में सबको चौंकाते हुए पाकिस्तान क्रिकेट टीम फाइनल में पहुंच गई। हालांकि, पाकिस्तान अपना पहला ही मैच भारत से बुरी तरह हार चुकी थी, लेकिन फाइनल में पाकिस्तान ने भारत को 180 रनों से हराकर चैंपियंस ट्रॉफी जीत ली। चैंपियंस ट्रॉफी 2017 पर बात करते हुए भुवनेश्वर कुमार ने जसप्रीत बुमराह की नो बॉल को लेकर भी बात की। इसके साथ ही उन्होंने 2013 के बाद से आईसीसी टूर्नामेंट नहीं जीत पाने को लेकर भी बात की।
पहले बल्लेबाजी करते हुए फकर जमां ने शतक, अजहर अली और मोहम्मद हफीज नेअर्द्धशतक लगाए। परिणास्वरूप पाकिस्तान की टीम ने 4 विकेट पर 338 रनों का स्कोर बनाया। जवाब में भारत की पूरी टीम 158 रन पर ढेर हो गई। फकर जमां की शानदार पारी ने भारत से इस मैच और ट्रॉफी दोनों को छीन लिया था।
इस मैच के तीसरे ओवर में जसप्रीत बुमराह की की एक नो बॉल ने फखर जमां को जीवनदान दे दिया था। भारत को इसकी बड़ी कीमत चुकानी पड़ी थी। भारतीय पेसर भुवनेश्वर कुमार ने ईएसपीएनक्रिकइन्फो से बातचीत में बताया, ”2017 की चैंपियंस ट्रॉफी के फाइनल में बुमराह की एक नो बॉल ने सब कुछ बदल दिया था। चैंपियंस ट्रॉफी में पाकिस्तान ने हमें इकतरफा मैच में बुरी तरह हरा दिया था।”
2013 में अंतिम आईसीसी टाइटल जीतने के बाद से भारतीय टीम में ट्रॉफियों और रनों का सूखा क्यों दिखाई देने लगा था? इस पर भुवनेश्वर ने कहा, ”टीम इंडिया उस समय टॉप पर थी, लेकिन भाग्य हमारा साथ नहीं दे रहा था और हम नॉक आउट में ही बाहर हो रहे थे।”
उन्होंने कहा, ”हमने अंतिम बार चैंपियंस ट्रॉफी 2013 में जीती थी। इसके बाद से 3-4 आईसीसी टूर्नामेंट्स हुए हैं। इनमें से 2-3 में हमने सेमीफाइनल या फाइनल में जगह बनाई। 2015 के वर्ल्ड कप में हम सेमीफाइनल ऑस्ट्रेलिया से हारे। 2019 के वर्ल्ड कप में हमारे तीन टॉप तीन बल्लेबाज सस्ते में आउट हो गए और हमें इसकी कीमत चुकानी पड़ी। यह हमारा दुर्भाग्य था।”
भुवनेश्वर कुमार ने कहा, ”ऐसा बहुत कम होता है कि आप विपक्षी टीम को 250 पर आउट कर दें और फिर भी हार जाएं।” उन्होंने कहा, ”उस विश्व कप में रोहित शर्मा ने पांच शतक लगाए। केएल राहुल अच्छी फॉर्म में थे। विराट कोहली हमेशा की तरह ही खेले। धोनी भी टीम में थे। नॉकआउट मैच में हार के बावजूद यह सच है कि हम पूरे टूर्नामेंट में बहुत अच्छा खेले।’