इस दिन है देव उठनी एकादशी, जानिए इस बार कब से बजने लगेंगी शहनाई
नई दिल्ली : देवशयनी एकदाशी(Devshayani Ekadashi) पर भगवान विष्णु क्षीर निद्रा में चले जाते हैं. चातुर्मास तक श्रीहरि का शयनकाल शुरू होता जो कार्तिक माह की देवउठनी एकादशी(Devuthani Ekadashi) को समाप्त होगा. चातुर्मास 10 जुलाई 2022 (Chaturmas 2022)से प्रारंभ हुआ था, इसका समापन देवउठनी एकादशी यानी कि 4 नवंबर 2022 (DevUthani Ekadashi 2022 date) को होगा. चातुर्मास में मुंडन, शादी, जनेऊ संस्कार, नामकरण जैसे मांगलिक कार्य पर रोक लग जाती है. देवउठनी एकादशी के बाद ही विवाह और सभी मांगलिक कार्य (demanding work) शुरू होंगे. आइए जानते हैं इस साल नवंबर में कब बजेगी शहनाई(Shehnai will ring) , किस दिन से शुरू होंगे विवाह.
साल 2022 में नवंबर में देव जागने के बाद विवाह शुरु हो जाएंगे. दिसंबर में भी शादियों के मुहूर्त है हालांकि ज्योतिषियों के अनुसार इस बार देवउठनी एकादशी पर भी शादी का मुहूर्त नहीं है. देवउठनी एकादशी पर शुक्र अस्त है. विवाह के मामले में ग्रह-नक्षत्रों और सितारों की स्थितियों को देखकर ही शादी के मुहूर्त तय किए जाते हैं.
देवउठनी एकादशी को देवप्रबोधिनी एकादशी भी कहते हैं. इस दिन माता तुलसी और भगवान शालीग्राम के विवाह की परंपरा है. धार्मिक मान्यता के अनुसार कोई भी मांगलिक देवी-देवताओं की पूजा के बिना संभव नहीं. चातुर्मास में जगत के पालनहार भगवान विष्णु क्षीर निद्रा में होते हैं, धार्मिक मान्यता है कि इस अवधि में नकारात्मक शक्तियों का तेज बढ़ जाता है जिनका मांगलिक कार्य पर भी असर पड़ता है इसलिए चार माह कोई शुभ कार्य नहीं किए जाते हैं. कहते देवउठनी एकादशी से सभी कुलाधिदेव और नवग्रह सक्रिय मुद्रा में होते हैं तब ही से शादियों का सिलसिला भी शुरू हो जाता है.