नई दिल्ली। देश में बढ़ते ड्रग्स के मामलों को देखते हुए स्वदेशी कंपनियों (indigenous companies) ने कुछ ऐसी विदेशी डिवाइस सुरक्षा एजेंसियों के लिए मंगाए हैं, जिनसे पुलिस और नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) की जांच काफी आसान हो सकती है. ऐसे एंटी नारकोटिक्स डिवाइस(anti narcotics device) की प्रदर्शनी इन दिनों दिल्ली में बीपीआरडी मुख्यालय में आयोजित की जा रही है. ट्रू-नारको (True-Narco) एक ऐसा ही टैब जैसा दिखने वाला डिवाइस है. बस इसके साइड में एक छोटा सा सेंसर लगा है, जिसको छूते ही ये पता चल जाता है कि कैमिकल सा दिखने वाला पर्दाथ नारकोटिक्स ड्रग (Narcotics Drug) है या नहीं.
थरमो-फिशर नाम की एक स्वदेशी कंपनी ने अमेरिका से इस हैंड-हेल्ड नारकोटिक्स एनेलाइजर (Hand-held Narcotics Analyzer) को निर्यात किया है. कंपनी के टेक्निकल मैनेजर अतुल येलपेले ने एक छोटी सी शीशी में चीनी (शुगर) भरकर दिखाया और जैसे ही शीशी को ट्रू-नारको के सेंसर से लगाया वैसे ही चंद सेकेंड में स्क्रीन पर रिजल्ट सामने आ गया.
अतुल येलपेल के मुताबिक, ये ट्रू-नारको देश के पहले नोबेल पुरस्कार विजेता वैज्ञानिक सीवी रमन (Scientist CV Raman) के रमन-इफेक्ट पर आधारित है और इसमें 500 से ज्यादा मादक पदार्थों का डेटा मौजूद है. प्रिंटर से भी जोड़कर रियल टाइम में टेस्ट रिजल्ट निकाल सकते हैं. दरअसल, आज कल किसी भी पार्टी में छापे के दौरान पुलिस और एनसीबी जैसी एजेंसियां टेस्ट-किट लेकर चलती हैं और वहां मिले मादक-पदार्थ से मैच करती हैं. अतुल के मुताबिक टेस्ट किट काफी पुरानी तकनीक है और उन्हें बार-बार किट को खरीदना पड़ता है, जबकि ट्रू-नारको में ऐसी कोई झंझट नहीं है.
ट्रू-नारको डिवाइस क्या है
खास बात ये है कि ट्रू-नारको डिवाइस से पुलिसकर्मियों को मादक पदार्थ से सीधे संपर्क में आने की जरूरत नहीं होती है. शीशी या फिर किसी भी बैग इत्यादि में रखे होने पर भी टेस्ट किया जा सकता है. दरअसल, ब्यूरो ऑफ पुलिस रिसर्च एंड डेवलपमेंट (BPRD) ने दिल्ली में चौथे पुलिस अधीक्षक सम्मलेन और प्रदर्शनी का आयोजन किया है. प्रदर्शनी में पुलिस और अर्द्धसैनिक बलों के युवा अधिकारियों के लिए साइबर क्राइम, एंटी ड्रोन और नारकोटिक्स ड्रग्स के खिलाफ लड़ने वाले डिवाइस और उपकरणों को प्रदर्शित किया गया है. दो दिवसीय (29-30 सितंबर) सम्मलेन और प्रदर्शनी का उद्घाटन गुरुवार को गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने किया. बीपीआरडी गृह मंत्रालय के अधीन एजेंसी है, जो कि देशभर की पुलिस और केंद्रीय अर्ध-सैनिक बलों के आधुनिकिरण की दिशा में विशेष रिसर्च करती और सुझाव पेश करती है.
मोबाइल टेस्ट सिस्टम भी देखें
बीपीआरडी की प्रदर्शनी में गुरुग्राम की एबोट कंपनी ने सो-टोक्सा नाम का एक डिवाइस भी प्रदर्शित किया है. ये एक मोबाइल टेस्ट सिस्टम जिसमें किसी संदिग्ध व्यक्ति ने मादक-पदार्थ का सेवन किया तो उसके सेलाइवा का नमूना लेकर मशीन में एक चिप के साथ इंसर्ट कर दिया जाता है. महज पांच मिनट में ही मशीन बता देगी कि शख्स ने मादक पदार्थ का सेवन किया है या नहीं. ये मशीन तुरंत बता देती है कि कौन सा नारकोटिक्स है.