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नीरज का ये पुराना ट्वीट चर्चा में, एक समय मोटापे से थे परेशान

स्पोर्ट्स डेस्क : गोल्ड मेडल जीतते ही एथलीट नीरज चोपड़ा को जमकर बधाईयाँ मिलने लगी. लोग अपने-अपने तरीके से अपनी भावनाएं जाहिर करके इस गोल्डन ब्वॉय की बलाएं ले रहे हैं. नीरज का एक पुराना ट्वीट भी वायरल हो रहा है. इस ट्वीट में नीरज सफलता के लिए मेहनत की महत्ता पर जोर दे रहे हैं.

बताते चले कि केवल 23 वर्ष की आयु में नीरज ने जैवलिन थ्रो में गोल्ड जीतकर इतिहास रच दिया है. शूटर अभिनव बिंद्रा के बाद वो व्यक्तिगत इवेंट में गोल्ड जीतने वाले दूसरे प्लेयर हैं. नीरज ने ये ट्वीट 15 नवंबर 2017 को किया था. उन्होंने इसे पिन कर रखा है. इस ट्वीट में लिखा है, जब सफलता की ख्वाहिश आपको सोने न दे, मेहनत के अलावा और कुछ अच्छा न लगे, जब लगातार काम करने के बाद थकावट न हो, समझ लेना सफलता का नया इतिहास रचने वाला है.

नीरज के जीतते ही ये वायरल गया. अनुमान लगाने वाले ये कि ट्वीट ये उस टाइम का है, जब नीरज ओलंपिक की तैयारियों में जुटे थे और खुद को प्रेरित करने के लिए उन्होंने इसे पिन करके रखा है.

बताते चले कि यूजर वही ट्वीट पिन करते हैं, जो उनके करीब होती है. नीरज की ट्वीट देखकर साफ मालूम होता है कि उनके लिए इस गोल्ड के क्या मायने हैं. वह चार साल से इस ट्वीट को पिन करके रखे हुए थे और खुद को इंस्पायर कर रहे थे. ट्विटर सहित कई अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर नीरज को बधाईयाँ मिल रही है.

आम जनता से लेकर स्टार्स तक भारत के इस नए गोल्डन ब्वॉय की जीत को सेलिब्रेट कर रहे हैं. पीटी ऊषा ने नीरज के साथ अपनी पुरानी फोटो ट्वीट करते हुए लिखा है, मेरा 37 साल पुराना अधूरा सपना पूरा हुआ. शुक्रिया मेरे बेटे. एक यूजर ने नीरज चोपड़ा के पिता की फोटो ट्वीट की है, जिसमें वो अपने कंधे पर फावड़ा रखे हुए हैं.

पीएम मोदी ने भी ट्वीट से बोला कि उन्होंने नीरज चोपड़ा को फोन कर जीत की बधाई दी है.

हरियाणा के खांद्रा गांव के एक किसान के बेटे 23 वर्षीय नीरज के लिए एक टाइम पर उनका भारी वजन और मोटा पेट सिरदर्द बना था. नीरज ने कड़ी मेहनत और जुनून के चलते अपने शरीर को इस कदर फिट बनाया कि आज लोग इस ओलंपिक गोल्ड मेडलिस्ट की फिटनेस की मिसाल देते नहीं थक रहे हैं.

बताते चले कि एक दौर ऐसा भी था, जब उनका वजन अधिक होता था. 11-12 वर्ष की आयु में नीरज चोपड़ा का वजन 80 किलोग्राम हुआ करता था. लोग तो उनका मजाक भी उड़ाते थे. हरियाणा के होने के चलते उन्हें बचपन से दूध-दही खाने का शौक था. इसके चलते उनका वजन जल्दी बढ़ गया था.

वजन बढ़ता देख उनके परिवार वालों ने उन्हें मैदान में भेजा. इसकी शुरुआत पानीपत के शिवाजी स्टेडियम से हुई और यहां से बाद में उनकी जिंदगी बदल गई. उन्होंने अपनी फिटनेस पर जमकर काम किया और ओलंपिक में देश के लिए गोल्ड जीतकर नया इतिहास रचा.

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