नई दिल्ली। अस्पतालों(hospitals) में तमाम तरह की जांच, सैंपल, ब्लड की जरूरतों के लिए लोगों को आप इधर-उधर चक्कर काटते हुए देखते होंगे या फिर खुद का भी आपका इससे साबका पड़ा होगा. मेडिकल स्टाफ भी इससे जूझता है और तीमारदार भी. इन सबके बीच केरल (Kerala) के कोझिकोड में एक अस्पताल ने अनोखा प्रयास किया है. इस अस्पताल में जरूरी सामान जैसे दवाइयों, ब्लड सैंपल्स (blood samples) और दूसरी चीजों की तेजी से डिलीवरी के लिए ड्रोन के इस्तेमाल की शुरुआत हुई है.
अस्पताल का नाम एस्टर एमआईएमएस अस्पताल है. केरल में इस तरह की सुविधा देने वाला यह पहला अस्पताल बना है. इसने स्काई एयर कंपनी से पार्टनरशिप की है. इससे अस्पताल के पूरे मैनेजमेंट में एक अलग तरह के पॉजिटिव बदलाव का दावा किया जा रहा है. अस्पताल में इसका 5 दिन का ट्रायल भी हो गया है. स्काई एयर का कहना है कि उनकी कोशिश है कि वहां करीब 50 फ्लाइट्स हों. ये सभी ब्लड सैंपल और दवाइयों (Blood samples and medicines) को जितनी जल्दी हो सके पहुंचा सकें इसकी कोशिश है. उनका कहना है कि इस काम में कोल्ड चेन प्रोफेशनल्स को लगाया जाएगा. वे सबसे पहले मेडिसिन और डायग्नोस्टिक सैंपल को टेंपरेचर कंट्रोल करने वाले पेलोड बॉक्स में रखेंगे. इसके बाद उसे ड्रोन पर रख देंगे. ड्रोन को एक पायलट नेविगेट करेगा. उसके पास एक रूट और टाइम होगा, जिसमें उसे चीजों को पहुंचाना होगा. ड्रोन का वजन 20 किग्रा है और वह उसमें 5 किग्रा वजन ढो सकता है.
ऑर्गन ट्रांसपोर्ट करने में होगा इस्तेमाल
दूसरी तरफ केरल के रीजनल डायरेक्टर फरहान यासिन का कहना, ‘भारत में लगभग करीब 4 लाख लोगों की हर साल समय पर ऑर्गन नहीं पहुंच पाने के कारण मौत हो जाती है. ऐसे में ये एक ऐतिहासिक कदम है. पहले फेज में ड्रोन कनेक्शन दो इंस्टीट्यूट में कराया गया है. ये एस्टर कोझिकोड और मल्लपुरम के हैं. हमारा मिशन सफल रहा है.’
उनका कहना है कि ऑर्गन की डिमांड सप्लाई से ज्यादा है. अगर किसी को भी ट्रांसप्लांट की जरूरत है तो उसके लिए हर एक सेकेंड काफी महत्वपूर्ण होता है. उनका दावा है कि एक बार हम दवाइयों और ब्लड सैंपल के ड्रोन ट्रांसपोर्टेशन में पूरी तरह से सफल हो गए तो हम इसका प्रयोग ऑर्गन ट्रांसपोर्ट करने में भी कर सकते हैं.
रेजिडेंट एसोसिएशंस को भी जोड़ा जाएगा
उन्होंने आगे कहा, ‘अगले फेज में हम रेजिडेंट एसोसिएशंस और अपार्टमेंट-कॉम्प्लेक्स के साथ समझौता करेंगे. जिससे हम उनके क्षेत्र में ड्रोन को लैंड करा सकें. इससे हम लोगों तक दवाई और दूसरे हेल्थ-रिलेटेड चीजों को कम समय में और सामान्य दरों में पहुंचा सकेंंगे.
हेल्थ सेक्टर के लिए 1200 फ्लाइट्स!
दूसरी तरफ स्काई एयर मोबिलिटी के सीईओ अंकित कुमार का कहना है कि कंपनी को डायरेक्टरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन से ड्रोन ऑपरेट करने की मंजूरी मिल चुकी है. उनका प्रयास सिर्फ सैंपल के तेजी से सप्लाई के लिए है. इस टेक्नोलॉजी के प्रयोग से कॉस्ट में भी कमी आ सकती है और समय में भी. हमारी कंपनी अभी हेल्थ सेक्टर के लिए 1200 फ्लाइट्स पर काम कर रही है. एस्टर कोझिकोड में हमने तीन ट्रायल किए हैं. ये दूसरे ट्रांसपोर्ट की तुलना में आधा समय ले रहा है. आने वाले समय में हमारी योजना 540 किमी के दायरे में 20 प्लाइट की व्यवस्था करने की है, जिससे 55% समय बचाया जा सके.