टीम इंडिया का यह भारतीय क्रिकेटर बना मां-बाप के बीच दीवार, खुद कराया था तलाक, हकीकत सुन उड़ जाएंगे होश!

नई दिल्ली। भारतीय क्रिकेट के महानतम ऑलराउंडरों में से एक युवराज सिंह का नाम जब भी आता है तो 2011 विश्व कप में उनकी शानदार बल्लेबाजी और गेंदबाज़ी का प्रदर्शन आँखों के सामने आ जाता है। मैदान पर उनका जलवा जितना ज़बरदस्त था उनका निजी जीवन उतना ही भावनात्मक (Emotional) और संघर्षपूर्ण रहा है। बहुत कम लोग जानते हैं कि टीम इंडिया के इस ‘सिक्सर किंग’ के पीछे एक दर्दनाक पारिवारिक कहानी छिपी है। एक ऐसी कहानी जिसमें एक छोटे बेटे को अपने माता-पिता के बीच की असहनीय कड़वाहट को खत्म करने के लिए खुद उनके तलाक का सुझाव देना पड़ा।
बेटे ने क्यों कराया माता-पिता का तलाक?
युवराज सिंह के माता-पिता योगराज सिंह (पूर्व क्रिकेटर और मशहूर अभिनेता) और शबनम सिंह के बीच के संबंध काफी तनावपूर्ण थे। युवराज ने अपने पुराने इंटरव्यू में बताया था कि उनके पिता योगराज सिंह का स्वभाव बहुत सख्त और गुस्सैल था। घर में सालों तक झगड़े, तकरार और तनाव का माहौल रहा जिससे घर की शांति पूरी तरह खत्म हो गई थी। युवराज ने खुलासा किया कि जब वह महज़ 14 या 15 साल के थे तो उन्होंने ही अपने माता-पिता से अलग होने (तलाक) की बात कही। उनका मानना था कि अगर वे एक-दूसरे के साथ खुश नहीं हैं और लगातार लड़ते रहेंगे तो यह न तो उनके लिए अच्छा है और न ही उनके खुद के मानसिक स्वास्थ्य के लिए। इस तरह युवराज ने खुद अपने माता-पिता के रिश्ते को खत्म करने की सलाह दी।
पिता की महत्वाकांक्षा और रिश्ते में दूरी
युवराज के पिता योगराज सिंह अपने समय के बेहतरीन क्रिकेटर थे लेकिन अपने अधूरे क्रिकेट सपने को उन्होंने अपने बेटे पर थोप दिया। युवराज ने बताया कि उनके पिता चाहते थे कि जो सपना वे खुद पूरा नहीं कर पाए उनका बेटा उसे पूरा करे और वह भारत के लिए खेले। पिता की इसी सख्ती और ज़िद ने युवराज को बेशक एक मज़बूत खिलाड़ी बनाया लेकिन पिता-पुत्र के रिश्ते में बड़ी दूरियां आ गईं। सुपरस्टार क्रिकेटर बनने के बावजूद उनका रिश्ता तनावपूर्ण बना रहा और योगराज सिंह ने एक इंटरव्यू में यहां तक कह दिया था कि अब दोनों के बीच कोई रिश्ता नहीं बचा है।
तलाक के बाद माँ का त्याग
माता-पिता के अलग होने के बाद युवराज अपनी मां शबनम सिंह के साथ रहने लगे। युवराज की परवरिश अकेले उनकी माँ ने की। उन्होंने हर मुश्किल में उनका साथ दिया और उनका करियर संवारा। युवराज सिंह अपनी मां के इस त्याग के लिए हमेशा कृतज्ञ रहते हैं। उन्होंने एक बार कहा था, “सिर्फ एक माँ ही वह सब कर सकती है जो मेरी मां ने मेरे लिए किया।”
 
 



