नई दिल्ली : हर साल आज के दिन यानि 5 अप्रैल को राष्ट्रीय समुद्री दिवस (National Maritime Day 2023) मनाया जाता है। भारत में आज के समय में अपनी सीमाओं की सुरक्षा (Defense) पर पहले से कहीं ज्यादा ध्यान दिया जाता है। मगर क्या आप जानते हैं कि आखिर आज के ही दिन राष्ट्रीय समुद्री दिवस क्यों मनाया जाता है? तो चलिए हम आपको इसके बारे में बताते हैं।
दरअसल, इसके पीछे बड़ी ही दिलचस्प कहानी है। साल 1919 में, इसी दिन पहला भारतीय वाणिज्यिक जहाज ‘सिंधिया स्टीम नेवीगेशन कंपनी लिमिटेड’ का एसएस लॉयल्टी’ मुंबई से लंदन के लिए रवाना हुआ था। यह पहली सबसे बड़े पैमाने की शिपिंग कंपनी भी थी, जो पूरी तरह से भारतीयों का था। बता दें कि ग्वालियर के महाराज ने इसे साल 1914 में खरीदा था। जो बाद में उन्हीं के नाम की कंपनी ने खरीद लिया था। इस कंपनी में वालचंद हीराचंद और नरोत्तम मोरारजी की भागीदारी थी। खास बात तो ये है कि यह 485 फुट लंबा जहाज 5940 टन का था। इतना ही नहीं इस जहाज की यात्री क्षमता 700 यात्रियों की थी। बता दें कि इस जहाज की पहली यात्रा 5 अप्रैल 1919 को शुरू हुई थी।
गौरतलब है कि बाद में इस जहाज को कार्गो जहाज में बदल दिया गया था। जिसके कुछ ही साल बाद इसे बंद कर दिया गया था। हालांकि, यह जहाज और इसकी पहली यात्रा को भारत के समुद्री व्यापार के लिहाज से अहम अवसर माना जाता है। इसिलए 5 अप्रैल को मनाए जाने वाले राष्ट्रीय समुद्री दिवस (National Maritime day) का महत्व और ज्यादा बढ़ जाता है।