स्पोर्ट्स डेस्क : ओलंपिक की मेजबानी में अब कम टाइम बचा है. कई प्लेयर इन खेलों के लिए क्वालिफाई कर चुके हैं जबकि कई अब होड़ में है. भारत इस बार शूटिंग और रेसलिंग के अलावा बॉक्सिंग में भी बड़ा दल भेजने वाला है.
फिलहाल इस बार भारत के नौ बॉक्सर ओलंपिक के लिए क्वालिफाई कर चुके हैं. इससे पहले भारत की सबसे बड़ी बॉक्सिंग टीम 2012 में लंदन ओलंपिक के लिए गयी थी जब आठ प्लेयर्स ने क्वालिफाई किया था.
बॉक्सिंग में भारत को ओलंपिक में दो मेडल हुए हैं, वर्ष 2008 के बीजिंग ओलंपिक में विजेंदर सिंह ने देश के लिए ब्रॉन्ज मेडल जीता था. वो ऐसा करने वाले देश के पहले बॉक्सर थे. इसके बाद वर्ष 2012 में मैरीकॉम ने देश के लिए ब्रॉन्ज मेडल जीता था.
अमित पंघाल
भारत के लिए ओलंपिक में मेडल लाने के बड़े दावेदार अमित पंघाल 52 किग्रा वर्ग में टोक्यो में चुनौती पेश करेंगे. 25 वर्षीय पंघाल ने बॉक्सिंग वर्ल्ड कप में गोल्ड मेडल और वर्ष 2019 में वर्ल्ड चैंपियनशिप में सिल्वर मेडल भी जीता था. पिछले वर्ष अम्मान में एशियन ओलंपिक क्वालिफायर में उन्होंने टोक्यो का टिकट कटाया था.
मनीष कौशिक
ओलंपिक में लाइटवेट कैटेगरी यानि 63 किग्रा वर्ग में भाग लेने को तैयार मनीष कौशिक ने 2019 की वर्ल्ड चैंपियनशिप में ब्रॉन्ज मेडल और 2018 में हुए कॉमनवेल्थ गेम्स में सिल्वर मेडल जीता था.
ओलंपिक का कोटा जीतने वाले अंतिम बॉक्सर मनीष ईटवी कैंप में ट्रेनिंग कर रहे हैं. वो प्रैक्टिस के साथ प्रतिद्वंद्वियों की कमियों को यू ट्यूब पर देख रहे हैं. वो देश के लिए हर हाल में मेडल लाना चाहते हैं.
विकास कृष्ण
विकास कृष्ण 69 किग्रा वर्ग में भारवर्ग में भारत का प्रतिनिधत्व करेंगे. वो भी बाकी प्लेयर्स की तरह इटली के प्रैक्टिस शिविर में है. ये विकास का तीसरा ओलंपिक होगा. विकास कृष्ण ने 5 अगस्त 2012 को 69 किग्रा में अपना ओलंपिक डेब्यू किया था. रियो में क्वार्टर फाइनल में पहुंचे विकास कृष्ण इस बार इसी प्रदर्शन को आगे बढ़ाना चाहेंगे.
आशीष कुमार
भारत की तरफ से मिडिल वेट कैटेगरी यानी 75 किलो ग्राम वर्ग में आशीष कुमार भाग लेंगे. 2019 एशियन बॉक्सिग चैंपियनशिप में सिल्वर मेडलिस्ट रहे आशीष ने एशियन बॉक्सिंग क्वालिफायर से कुछ टाइम पहले ही अपने पिता को खोया था लेकिन फिर भी उन्होंने क्वालिफाई किया.
सतीश कुमार
सतीश कुमार हैवी वेट कैटेगरी यानी 91 किलोग्राम वर्ग में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे. ये इस वर्ग में ओलंपिक में भारत की पहली चुनौती होगी. उन्होंने वर्ष 2018 के कॉमनवेल्थ गेम्स में सिल्वर मेडल जीता था. वर्ष 2014 में भी वो ब्रॉन्ज मेडल जीत चुके हैं. वैसे आज तक कोई भी भारतीय बॉक्सर हैवी वेट कैटेगरी में क्वालिफाई नहीं कर सका.
एमसी मैरीकॉम
बल्कि पूरे बॉक्सिंग दल में मेडल लाने की बड़ी दावेदार मैरीकॉम वर्ष 2012 में देश के लिए ब्रोंज जीत चुकी हैं लेकिन इस बार उनका पूरा ध्यान गोल्ड मेडल पर है.
रियो ओलंपिक में भाग नहीं ले सकी मैरीकॉम इस बार अपना सपना पूरा करने के लिए बेताब हैं. उन्होंने पिछले वर्ष एशियन ओलंपिक क्वालिफायर के रास्ते टोक्यो में अपनी जगह पक्की की थी और फ्लाईवेट यानी 51 किग्रा में भाग लेंगी. मैरीकॉम छह बार की विश्व चैंपियनशिप की विजेता रही हैं.
सिमरनजीत सिंह
लाइटवेट यानी कि 60 किग्रा वर्ग में भारत की चुनौती देने को तैयार सिमरनजीत ने वर्ष 2018 की वर्ल्ड चैंपियशिप में ब्रॉन्ज मेडल जीता था. एशियन बॉक्सिंग क्वालिफायर के सेमीफाइनल में पहुंचकर उनको टिकट मिला है. वो इन खेलों के लिए क्वालिफाई करने वाली अंतिम महिला बॉक्सर थीं.
लवलीना बोरगोहैन
लंबे टाइम से नियमित प्रदर्शन करती आ रही लवलीना बोरगोहैन को इस बार लंपिक मेडल का प्रबल दावेदार माना जा रहा है. वर्ष 2018 और 2019 वर्ल्ड चैंपियनशिप में उन्होंने ब्रॉन्ज मेडल जीता था.
कॉमनवेल्थ गेम्स में भी वो क्वार्टरफाइनल में पहुंची थी. उनको भी एशियन क्वालिफायर के सेमीफाइनल में एंट्री से कोटा मिला था. 23 वर्षीय इस प्लेयर ने 69 किग्रा वर्ग में देश का प्रतिनिधित्व करेगी.
पूजा रानी
ओलंपिक में 75 किलो ग्राम वर्ग में भारत की तरफ से दो बार की एशियन चैंपियन पूजा रानी रिंग में उतरेंगी. वो 2019 और 2021 में एशियन चैंपियनशिप जीत चुकी हैं. वो वर्ष 2016 में हुए रियो ओलंपिक में भाग नहीं ले सकी थी. ये उनका पहला ओलंपिक होगा.