इस बार देर से होगी मानसून की वापसी, सितंबर के अंत तक बरसते रहेंगे बादल
नई दिल्ली. इस साल मानसून की वापसी देर से होगी। वैसे आमतौर पर मानसून की वापसी 18 सितंबर के बाद से पश्चिमी राजस्थान के रास्ते शुरू हो जाती है। लेकिन इस बार के मौसम के अनुमान के मुताबिक, मानसून इस साल करीब 16 दिन और सक्रिय रह सकता है। इसका मतलब है कि सितंबर के अंत तक देश में लगातार बारिश होती रहेगी। निजी मौसम एजेंसी स्काईमेट के अनुसार, मानसून वापसी के बाद अक्टूबर में भी बारिश की संभावना है। मौसम विभाग के मुताबिक, इस बार अब तक 108 फीसदी बारिश हो चुकी है, यानी सामान्य से 8% अधिक बारिश हुई है। 13 सितंबर तक सामान्य रूप से 784.3 मिमी बारिश होनी चाहिए थी, जबकि अब तक 849.6 मिमी बारिश हो चुकी है।
उत्तराखंड में पिछले 24 घंटों से भारी बारिश हो रही है, जिससे नदियां उफान पर हैं। ऋषिकेश और हरिद्वार में गंगा घाट जलमग्न हो गए हैं। गंगा नदी ऋषिकेश में चेतावनी रेखा के ऊपर बह रही है और कुमाऊं में कोसी और काली नदी चेतावनी रेखा को छू रही हैं। नैनीताल में नैनी झील ओवरफ्लो हो गई है। भूस्खलन के कारण 200 सड़कें बंद हो गई हैं और चारधाम यात्रा रोक दी गई है। केदारनाथ जा रहे 2 हजार श्रद्धालुओं को सोनप्रयाग और अन्य सुरक्षित जगहों पर रोका गया है। मौसम विभाग ने शनिवार को पहाड़ी जिलों में बारिश के लिए रेड अलर्ट जारी किया है।
मौसम विभाग के अनुसार, उत्तर-पश्चिमी उत्तर प्रदेश के ऊपर एक डिप्रेशन बना हुआ है, जो उत्तराखंड की ओर बढ़ रहा है। इसके अलावा दक्षिणी बांग्लादेश के पास एक नया निम्न दबाव बना है, जो 2 दिन में डिप्रेशन में बदल सकता है। यह इस सीजन का चौथा डिप्रेशन होगा। इसके कारण बिहार, झारखंड, ओडिशा और छत्तीसगढ़ में भारी बारिश हो सकती है। उत्तर प्रदेश पर बने डिप्रेशन का असर उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश के कुछ हिस्सों पर भी पड़ेगा। इससे दिल्ली, पूर्वी हरियाणा और उत्तर-पूर्वी राजस्थान सहित मध्य प्रदेश के उत्तरी और पूर्वी भागों में मध्यम बारिश हो सकती है। हालांकि, राजस्थान, गुजरात, पश्चिम मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और दक्षिणी राज्यों में मानसून कमजोर बना रहेगा।