![](https://dastaktimes.org/wp-content/uploads/2024/06/p8-3.jpg)
अमृतसर : पंजाब में 13 में से 13 सीटें जीतने का महत्वाकांक्षी रखने वाली आम आदमी पार्टी (AAP) को सिर्फ तीन सीटों पर जीत मिली थी। अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) की पार्टी का यहां बंटाधार हो गया है। मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने खुद इस चुनाव को अपनी दो साल पुरानी सरकार का रयलिटी टेस्ट बताया था। नतीजों को देखें तो पंजाब की जनता ने उन्हें और उनकी पार्टी को खारिज कर दिया और वर्षों पंजाब पर राज करने वाली कांग्रेस पर भरोसा जताया है। कांग्रेस को यहां सात सीटें मिली हैं।
![](https://dastaktimes.org/wp-content/uploads/2024/06/full.jpg)
आपतो बता दें कि आप ने 2022 के विधानसभा चुनावों में 117 में से 92 सीटें जीतकर पूरे देश को चौंका दिया था। हालांकि इस चुनाव में गुरमीत सिंह मीत हेयर (संगरूर) को छोड़कर सभी चार मौजूदा कैबिनेट मंत्री अपनी सीट जीतने में असफल रहे।बलबीर सिंह (पटियाला) और कुलदीप सिंह धालीवाल (अमृतसर) दूसरे स्थान पर रहे। पार्टी का वोट शेयर 2022 में 42% था, जो कि गिरकर 26% हो गया है।
लोकसभा चुनाव के परिणाम आप के लिए किसी झटके से कम नहीं हैं। चुनाव प्रचार के दौरान आप ने आम आदमी मोहल्ला क्लीनिक, नहरों का जीर्णोद्धार और नए स्कूलों के निर्माण के साथ-साथ 300 यूनिट फ्री बिजली योजना को भुनाने की कोशिश की। हालांकि, इसका कोई असर नहीं दिखा।
आपको बता दें कि आम आदमी पार्टी को जब विधानसभा चुनाव में जीत मिली थी तो 80 से अधिक ऐसे विधायक थे जिन्होंने पहली बार विधानसभा की चौखट देखा था। लोगों को उम्मीद थी के वे अपने निर्वाचन क्षेत्रों में दिखाई देंगे और लोगों का शुक्रिया अदा करेंगे। मालवा, माझा और दोआबा क्षेत्रों के लोगों की शिकायत थी की कि एक बार चुने जाने के बाद अधिकांश विधायक कभी भी उनका शुक्रिया अदा करने के लिए भी नहीं लौटे। उनकी शिकायतों का समाधान करना तो दूर की बात है। लोग कहते दिखे कि “आम आदमी खास बन गया है।”
आप ने संगरूर जैसी सीटों पर अच्छा प्रदर्शन किया, जो कि सीएम भगवंत मान का गृह क्षेत्र है। गुरमीत सिंह मीत हेयर ने शानदार जीत हासिल की है। इस क्षेत्र से पार्टी के कुछ विधायक (अमन अरोड़ा और मंत्री हरपाल सिंह चीमा) काम कर रहे थे। सीएम की पत्नी गुरप्रीत कौर ने भी उनके धुरी विधानसभा क्षेत्र में बड़े पैमाने पर प्रचार किया, जो संगरूर संसदीय सीट में आता है।