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पंजाब में कांग्रेस नेताओं को सताने लगी यह चिंता,पढ़ें पूरी खबर

जालंधर: चार राज्यों में विधानसभा चुनावों के परिणाम आने के बाद पंजाब की राजनीति में भी करवट ली जाती दिखने लगी है। चार में से 3 राज्यों में कांग्रेस को बुरी तरह से हार हासिल हुई, लेकिन इस हार के बाद पंजाब में कांग्रेस नेताओं को यह चिंता सताने लगी है कि राज्य में आम आदमी पार्टी के साथ गठबंधन को लेकर उन पर दबाव बढ़ सकता है। पिछले दिनों पंजाब कांग्रेस के अधिकतर नेताओं ने आम आदमी पार्टी के साथ किसी भी तरह के गठबंधन से इंकार किया था और केंद्रीय नेतृत्व को यह बात समझाने की कोशिश की थी कि राज्य में यह संभव नहीं है। लेकिन विधानसभा चुनावों में 3 राज्यों मध्य प्रदेश, राजस्थान तथा छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की स्थिति को देखते हुए संभावना पैदा हो रही है कि पंजाब में कांग्रेस को ‘आप’ के साथ हाथ बढ़ाना ही पड़ेगा।

3 राज्यों में हुई कांग्रेस की हार के बाद इंडिया ब्लाक के कई नेताओं ने यह कहना शुरू कर दिया है कि कांग्रेस को मध्य प्रदेश और राजस्थान में सीटों का बंटवारा अन्य दलों के साथ बातचीत के बाद करना चाहिए था। इस तरह के व्यक्तव्यों के बाद पंजाब कांग्रेस के नेताओं में घबराहट बढ़ गई है। वैसे समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव चुनावों से पहले ही कांग्रेस को लेकर सवाल खड़े करते रहे हैं, लेकिन चुनावों के बाद तो कांग्रेस का विरोध करने वालों की कतारें लग गई हैं। जानकारी मिली है कि मध्य प्रदेश में कांग्रेस को काफी उम्मीदें थीं, लेकिन पार्टी को भारी झटका लगा। राजस्थान तथा छत्तीसगढ़ में कांग्रेस को हासिल हुए रिजल्ट ने पार्टी को पूरी तरह से ‘इंडिया’ ब्लाक में कमजोर साबित कर दिया है। ‘इंडिया’ ब्लाक के कई नेताओं का कहना है कि गठबंधन बनाने का एक ही कारण था कि भाजपा को किसी तरह से रोका जाए, लेकिन कांग्रेस इन मामलों में फेल साबित हो रही है, क्योंकि वह सहयोगी दलों के साथ कई मामलों को लेकर चर्चा नहीं करती।

बेशक पंजाब में आज की तारीख तक भाजपा, कांग्रेस या किसी भी दल के लिए खतरा नहीं है, लेकिन इसके बावजूद कांग्रेस को खुद को मजबूत करने के लिए सहयोगी दलों की बातों को स्वीकार करना होगा। वैसे कांग्रेस के नेताओं का मानना है कि पंजाब में स्थिति अलग है। पंजाब में भाजपा चौथे नम्बर पर है और सत्तासीन आम आदमी पार्टी के बाद दूसरे नंबर पर कांग्रेस ही है। इसीलिए कांग्रेस नेताओं को लगता है कि पंजाब में इस गठबंधन का कोई असर नहीं रहेगा। पिछले दिनों में भी पंजाब कांग्रेस के नेताओं ने आम आदमी पार्टी के साथ किसी भी तरह के सीट शेयरिंग की बात को सिरे से नकार दिया था। इसके बाद कांग्रेस नेता सुखपाल सिंह खैहरा की गिरफ्तारी ने भी आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के बीच खटास को बढ़ा दिया था, लेकिन इंडिया ब्लाक के स्तर पर दोनों दलों के नेता क्या फैसला लेते हैं, वह अभी भविष्य के गर्भ में है।

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