स्पोर्ट्स डेस्क : आगामी टोक्यो ओलंपिक के बारे में भारतीय बैडमिंटन के हेड कोच पुलेला गोपीचंद का मानना है कि कोरोना से संबंधित पाबंदियों की वजह से ओलंपिक काफी अलग होंगे. उन्होंने बोला कि ओलंपिक खेल गांव में प्लेयर्स को आपस में मिलने-जुलने की इतनी आजादी नहीं होगी और उन्हें पहचानना काफी मुश्किल होगा क्योंकि उनके चेहरे मास्क से ढके होंगे.
फिर भी उन्होंने भारतीय प्लेयर्स से काफी पदकों की उम्मीद जताई. गोपीचंद ने मणिपुर में राष्ट्रीय खेल विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित ‘टोक्यो ओलंपिक- भारत की यात्रा और उम्मीदें’ वेबीनार के दौरान बोले कि, वो (प्लेयर) खेलने जाएंगे और फिर रवाना हो जाएंगे, इसलिए ये हमारे प्लेयर्स के लिए भी अलग और मुश्किल ओलंपिक होंगे.
ये महत्वपूर्ण होगा कि वो अपने खेल पर ध्यान लगाये रखें और जीतकर वापस आएं. उन्होंने बोला कि, ये काफी चुनौतीपूर्ण होगा, लेकिन मैं उम्मीद करता हूं कि हमें काफी पदक मिलेंगे. उन्होंने बोला कि ओलंपिक में प्लेयर्स के काफी पदक देश के खेलों की महाशक्ति बनने में अहम हो सकते हैं.
गोपीचंद के अनुसार, प्लेयर्स का पूरा सहयोग किया जा रहा है, मुझे नहीं लगता कि कोई भी प्लेयर किसी चीज की शिकायत कर सकता है. फिर भी मैं बोलूँगा कि जमीनी स्तर पर और इसके अगले स्तर पर काफी कुछ किया जाना है लेकिन शीर्ष स्तर के प्लेयर पहले से कहीं अधिक मदद प्राप्त कर रहे हैं जो बेहतरीन चीज़ है.