नई दिल्ली: उत्तराखंड के मदरसों में भी अब बच्चों को स्काउट एंड गाइड, एनसीसी और एनएसएस की ट्रेनिंग ले सकेंगे. राज्य के शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत ने इस बाबत मदरसों को निर्देश दिया है. इस तरह अब उत्तराखंड के Madrasa में पढ़ने वाले स्टूडेंट्स दीनी तालीम के साथ-साथ स्काउट एंड गाइड और NCC के लिए ट्रेंड हो सकेंगे. माना जा रहा है कि इससे मदरसों के छात्रों को भी सेना में भर्ती होने के लिए प्रोत्साहित किया जा सकेगा. ये फैसला ऐसे समय पर लिया गया है, जब हाल ही में मदरसों में ड्रेस कोड और NCERT सिलेबस लागू करने की बात कही गई थी.
शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत ने कहा कि उत्तराखंड के मदरसों में बच्चे स्काउट एंड गाइड, एनसीसी और एनएसएस की ट्रेनिंग ले पाएंगे. उन्होंने कहा कि सभी स्कूलों, प्राइवेट स्कूलों, संस्कृत विद्यालय, आंगनबाड़ी, सरकार से एडेड स्कूल और सभी मदरसों में NCC, NSS और Scouts and Guides के कोर्स करवाए जाएंगे. उन्होंने बताया कि इसके लिए बकायदा इन कोर्स के लिए जो ड्रेस निर्धारित की गई है, उसे मदरसों में लागू भी किया जाएगा.
इसका मतलब ये हुआ कि मदरसों के छात्रों को स्काउंट एंड गाइड और एनसीसी के लिए बनाए गए ड्रेस कोड का पालन करना होगा. उन्हें वर्दी पहनकर अलग-अलग ट्रेनिंग में हिस्सा लेना होगा. यहां गौर करने वाली बात ये है कि स्काउट एंड गाइड, एनसीसी और एनएसएस की ट्रेनिंग सिर्फ मदरसों तक ही सीमित नहीं है, बल्कि इसके दायरे में प्राइवेट स्कूलों, संस्कृत विद्यालय, आंगनबाड़ी भी शामिल किए गए हैं.
इससे पहले, उत्तराखंड वक्फ बोर्ड ने अगले साल अप्रैल से शुरू होने वाले नए एकेडमिक सेशन से अपने मदरसों में ड्रेस कोड और अंग्रेजी मीडियम से NCERT सिलेबस लागू करने का फैसला लिया है. उत्तराखंड वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष शादाब शम्स ने हाल ही में बताया कि उत्तराखंड देश का पहला राज्य है, जहां मदरसों के बच्चों को मुख्य धारा से जोड़ने के लिए यह नयी पहल की जा रही है. उन्होंने कहा, अंग्रेजी मीडियम से NCERT Syllabus और ड्रेस कोड के साथ मदरसों में शिक्षा देने वाला उत्तराखंड पहला राज्य होगा.
शम्स ने बताया कि वक्फ बोर्ड प्रदेश में 103 मदरसों का संचालन करता है, जिनमें से चार जिलों—देहरादून, हरिद्वार, उधमसिंह नगर और नैनीताल में स्थित सात मदरसों को मॉडल मदरसा बनाने का भी निर्णय लिया गया है और वहां स्मार्ट कक्षाएं चलेंगी. उन्होंने बताया कि मदरसों में ड्रेस कोड के बारे में मुस्लिम धर्मगुरूओं से बात की जा रही है और उन्हें विश्वास में लेकर ही इसे अंतिम रूप दिया जाएगा. हांलांकि, उन्होंने कहा कि मदरसों में जब अंग्रेजी मीडियम से पढ़ाई होगी तो ड्रेस कोड भी उसी तर्ज पर होगा.