जम्मू : जम्मू-कश्मीर एलजी मनोज सिन्हा ने बुधवार को कहा कि ‘आतंकी इकोसिस्टम’ का समर्थन करने वालों को कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा। मीडिया कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए सिन्हा ने कहा, जम्मू-कश्मीर में जो भी आतंकी इकोसिस्टम का समर्थन करता है, उसे कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा।
उन्होंने कहा कि पुलिस और सुरक्षा एजेंसियां पता लगा लेंगी कि कौन आतंक का समर्थन कर रहा है और ऐसे समर्थकों की राजनीतिक संबद्धता कोई मायने नहीं रखेगी। उन्होंने कहा कि यह जम्मू-कश्मीर प्रशासन और केंद्र को तय करना है कि जम्मू-कश्मीर में किसे रहना और काम करना है। उन्होंने कहा, 70,000 करोड़ रुपये का निवेश जल्द ही यहां आने वाला है।
घाटी में सेवारत कश्मीरी पंडित कर्मचारियों के बारे में एक सवाल का जवाब देते हुए उपराज्यपाल ने कहा कि लगभग सभी कर्मचारियों को जिला मुख्यालयों पर तैनात किया गया है। उन्होंने कहा, हम किसी ऐसे व्यक्ति को वेतन नहीं दे सकते जो काम नहीं करता है। जम्मू-कश्मीर में राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के बारे में सिन्हा ने कहा कि यात्रा की अनुमति तब दी जाएगी जब तक यह देश की संप्रभुता और लोकतांत्रिक सिद्धांत को चुनौती नहीं देती है।
यूटी सरकार द्वारा अधिसूचित भूमि अनुदान नियम 2022 पर हाल ही में किए जा रहे हंगामे के बारे में उन्होंने कहा कि इन नियमों ने जम्मू-कश्मीर को देश के बाकी हिस्सों के बराबर ला दिया है। उन्होंने कहा, मैं आश्वस्त करना चाहता हूं कि कोई भी गरीब आदमी आवंटित जमीन नहीं खोएगा। यह केवल कुछ बड़े व्यापारिक घराने हैं, जिन्होंने सरकारी जमीनों पर एकाधिकार कर लिया है, जो खतरा महसूस कर रहे हैं।
जम्मू-कश्मीर में होने वाली जी20 बैठक के बारे में उन्होंने कहा, ‘श्रीनगर में केवल एक जी20 बैठक आयोजित की जाएगी। उन्होंने कहा, ‘हमने भारत सरकार से अनुरोध किया है कि जी20 की एक बैठक जम्मू में भी होनी चाहिए।’ हम यह सुनिश्चित करेंगे कि हम उस बैठक के दौरान अपनी ताकत दिखाने में सक्षम हों। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि जम्मू-कश्मीर में जी20 बैठक बिना किसी बाधा के आयोजित की जाएगी।