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जो भ्रष्टचार के आरोपी हैं, वे ही खुद को पीड़ित बताने की राजनीति करने लगे : सुशील मोदी

पटना। बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के आवास पर केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के पहुंचने और एक मामले में पूछताछ किए जाने के बाद सियासत गर्म है। राजद के नेता जहां इसे जांच एजेंसियों का दुरुपयोग बताते हुए आलोचना कर रही है वहीं भाजपा इसे न्याय प्रक्रिया का हिस्सा बता रही।

पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने कहा कि केंद्र में कांग्रेस सरकार के समय ललन सिंह और दिवंगत नेता शरद यादव ने तत्कालीन रेल मंत्री लालू प्रसाद पर नौकरी के बदले जमीन घोटाला का आरोप लगाते हुए सीबीआई जांच की मांग की थी। आज यही लोग सीबीआई के दुरुपयोग का शोर मचा रहे हैं।

मोदी ने कहा कि तेजस्वी यादव और ललन सिंह इधर-उधर की बातें करने के बजाय ग्रुप डी की नौकरी के बदले कीमती जमीन लालू परिवार के नाम करने वाले ललन चौधरी के बारे में क्यों नहीं बताते? ये ललन चौधरी कौन हैं और क्यों इनकी जमीन गिफ्ट में ली गई? उन्होंने कहा कि लालू प्रसाद सत्ता का दुरुपयोग कर सम्पत्ति बनाने के आदती हैं। मुख्यमंत्री के रूप में उन्होंने चारा घोटाला किया और रेल मंत्री बनने पर जमीन के बदले रेलवे की नौकरी बांटने का घोटाला किया।

मोदी ने कहा कि रेलवे की नौकरी के बदले जमीन लेने के मामले की जांच बंद नहीं हुई है। इस मामले में लालू- राबड़ी देवी सहित 15 आरोपियों को सम्मन भेजना और पूछताछ करना न्याय प्रक्रिया का हिस्सा है।

उन्होंने कहा कि जब भी किसी घोटाले की जांच होती है, इसमें आरोपी लालू परिवार खुद को पीड़ित बताकर सहानुभुति पाने की राजनीति करने लगता है।

मोदी ने सवाल करते हुए कहा कि क्या यह सही नहीं कि नीतीश कुमार के कहने पर ललन सिंह ने लालू परिवार के भ्रष्टचार से संबंधित कागजात सीबीआई को पहुंचाये थे ?

उन्होंने कहा कि लालू प्रसाद से मिल कर महागठबंन सरकार बनाने से पहले जो लोग लालू प्रसाद के विरुद्ध जांच में तेजी लाना चाहते थे, आज वे ही इस मामले में भाजपा और केंद्र सरकार पर अनर्गल आरोप लगा रहे हैं।

इससे पहले राजद के नेता तेजस्वी यादव ने कहा कि जो भी भाजपा को आईना दिखाने का काम करती है उसे जांच एजेंसियों द्वारा परेशान किया जाता है।

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