जयपुर : मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि समाज के वंचित तबके के लिए काम करने तथा उनकी जमीनी जरूरतों को समझने में सिविल सोसाइटी व स्वयंसेवी संगठनों की अहम भूमिका है। सरकार द्वारा लोक कल्याण के लिए बनाई योजनाओं को कारगर तथा उपयोगी बनाने में इन संगठनों का महत्वपूर्ण योगदान रहता है।
सिविल सोसाइटी सरकार को आत्मावलोकन करने में भी सहायता करती हैं तथा सरकार की योजनाओं, नीतियों और कार्यक्रमों की समीक्षा कर उन्हें और बेहतर बनाने में सहयोग करती हैं। सिविल सोसाइटी के सुझावों के बाद ही देश में आरटीआई, आरटीई, मनरेगा, खाद्य सुरक्षा जैसे महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं। लोकतंत्र में सिविल सोसाइटी का अपना महत्व है, इसको नकारने वाले लोगों का निश्चित रूप से लोेकतंत्र में विश्वास नहीं होता है। गहलोत सोमवार को जयपुर के बिड़ला ऑडिटोरियम में ‘बजट का लाभ आमजन तक पहुंचाने के लिए आयोजित कार्यशाला’ को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने सिविल सोसाइटी द्वारा राज्य बजट की प्रशंसा करने तथा बजट पर विश्वास करने के लिए सभी का आभार व्यक्त किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि कार्यशाला की रिपोर्ट पर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में चर्चा होगी तथा सुझावों का क्रियान्वयन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में संवाद की बड़ी महत्वता होती है। कार्य में सुधार की गुंजाइश हमेशा बनी रहती है, इसलिए सिविल सोसाइटी के सदस्यों के सुझावों का हमारी सरकार हमेशा स्वागत करती है, ताकि कमियों को दूर कर योजनाओं को जनता के लिए अधिक लाभकारी बनाया जा सके। मुख्यमंत्री ने कहा कि आपके बहुमूल्य सुझावों की जरूरत हमेशा हमें रहती है जिससेे सरकार अपने लक्ष्य को अर्जित करने में सफल हो सके।