शहरों में घर के बाहर गाड़ी पार्क करने वालों को जल्द ही देना पड़ेगा शुल्क
लखनऊ : पंचम राज्य वित्त आयोग (Fifth state finance commission) की सिफारिशों (Recommendations) पर अमल करने के बाद उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) सरकार (Government) अब शहरों में घर के बाहर गाड़ी पार्क (Park) करने वालों पर शुल्क तय करेगी। इसके साथ ही नगरीय निकाय तथा ग्रामीण पंचायतों में भी कई सुधार (Improvement) लागू होंगे। अब प्रोफेशनल टैक्स (Professional Tax) के साथ उपयोग कर भी लगाया जाएगा।
शहरों में घर के बाहर गाड़ी पार्क करने वालों को जल्द ही शुल्क देना पड़ सकता है। पंचम राज्य वित्त आयोग की संस्तुतियों को विधानसभा पटल (Assembly board) पर शनिवार को रखा गया। सरकार ने इस पर मुहर लगी दी है और इसके आधार पर अब नगर विकास विभाग आगे की कार्यवाही (Action) शुरू करेगा। पंचम राज्य वित्त आयोग ने निकायों की आय बढ़ाने के लिए कई महत्वपूर्ण सुझाव दिए हैं। इनमें खासकर निकाय क्षेत्र में वाहन मालिकों के घर के सामने की सड़क अथवा किसी अन्य भू-भाग को स्थाई पार्किंग के रूप में प्रयोग करने पर उपयोग कर लगाने का सुझाव दिया गया है। इससे निकायों के आय में वृद्धि होगी। इसके साथ ही विभिन्न प्रकार के व्यवसायिक कार्यों से संबंधित पेशेवर व्यक्तियों पर प्रोफेशनल टैक्स लगाने पर भी विचार करने की बात कही गई है।
आयोग (Commission) ने निकाय सीमा में आने वाले नर्सिंग होम (nursing home), निजी अस्पताल, निजी क्लीनिक (private hospital) एवं डिस्पेंसरी (Dispensary), पैथलैब (Pathlab), निजी स्कूल (private schools), निजी कोचिंग संस्थान (Private Coaching Institute), मोबाइल सेवा (Mobile service) एवं ऊपरी केबल की सेवाओं पर उपयोग कर की सीमा में लाए जाने का भी सुझाव दिया गया है। इसके साथ ही वन संपदा से आय, तालाबों से आय, अवस्थित भूमि के उपयोग से होने वाली किसी भी प्रकार की आय जैसे स्टांप शुल्क, मोटरवाहन शुल्क, सबमॢसबल व हैंडपंप प्रयोग, ट्यूबवेल, निजी विवाह घर व रिसोर्ट से आय का एक निर्धारित हिस्सा निकायों को देने का सुझाव दिया गया है। इसके साथ ही शहरी क्षेत्रों में पूरी तरह से पानी की मीटरिंग व्यवस्था शीघ्र लागू करने का सुझाव दिया गया है, जिससे आय में वृद्धि हो सके।
राज्य वित्त आयोग ने यह भी सुझाव दिया है कि आडिट के दौरान निकाय अफसरों के सहयोग न करने का मामला सामने आता रहा है। इसी कारण अब मेयर, नगर आयुक्त, अध्यक्ष के साथ अधिशासी अधिकारियों की भी जवाबदेही तय करने का भी सुझाव दिया गया है। माना जा रहा है कि पंचम राज्य वित्त आयोग की सिफारिश लागू होने के बाद से नगरीय निकायों व ग्रामीण पंचायतों में कई सुधार होंगे। सिफारिश के अनुसार अब ग्राम पंचायत हाट-पैठ बाजार पर शुल्क लगाएगी। क्षेत्र पंचायत रिसर्च सेंटर बनाएंगे। इसके साथ ही वित्त आयोग (Finance Commission) की सिफारिश पर 20000 ग्राम पंचायतों में पंचायत भवन (Panchayat Bhawan) बनेंगे।