चंडीगढ़ : सड़क हादसों में पीड़ितों की जान बचाने के लिए लोगों को प्रेरित करने के लिए पंजाब सरकार नई स्कीम लेकर आ रही है. यह स्कीम न केवल पीड़ितों को तत्काल मदद पहुंचाने में कारगर होगी बल्कि इसके तहत जान बचाने का जोखिम उठाने वाले लोगों को राज्य सरकार की ओर से पांच-पांच हजार रुपये का इनाम भी दिया जाएगा. इसके साथ ही अस्पताल के डॉक्टर या पुलिस द्वारा बेहतर सेवा का सर्टिफिकेट भी दिया जाएगा.
सड़क हादसों में जान बचाने वालों को सम्मानित करने की स्कीम का फैसला ट्रांसपोर्ट मंत्री लालजीत सिंह भुल्लर और स्वास्थ्य मंत्री डा. बलबीर सिंह की अध्यक्षता में पंजाब राज्य सड़क सुरक्षा काउंसिल की मीटिंग के दौरान लिया गया है. उन्होंने बताया कि इस स्कीम के तहत मददगार व्यक्ति को अस्पताल के डाक्टर या पुलिस द्वारा गुड समारिटन सर्टिफिकेट भी दिया जाएगा. इसके साथ वह डिप्टी कमिशनर दफ्तर से इस ईनामी राशि को लेने के योग्य माना जाएगा.
पंजाब राज्य सडक सुरक्षा काउंसिल के चेयरमैन लालजीत सिंह भुल्लर ने कहा कि इस स्कीम से सड़क हादसों में जख्मी हुए लोगों की समय रहते जान बचाने की प्रक्रिया को उत्साह मिलेगा. इस स्कीम का प्रमुख उद्देश्य नकद पुरस्कार और सर्टिफिकेट देकर आम लोगों का मनोबल बढ़ाना है ताकि वह सड़क हादसों के पीड़ित की आपातकालीन स्थिति में मदद करने के लिए उत्साहित हो सकें.
इसके साथ ही बैठक में पर्यटन के दूसरे सबसे बड़े केंद्र अमृतसर के लिए ट्रैफिक़ प्रबंधन योजना को भी स्वीकृति दी गई जिसके तहत अमृतसर को मॉडल ट्रैफिक सिटी बनाने के लिए 2.56 करोड़ रुपए जारी किए जाएंगे. इस राशि के साथ सडक़ सुरक्षा और एक्सीडेंट रिस्पांस यूनिट गठित करने सहित सड़कीय ट्रैफिक प्रबंधन, एंबुलेंसों और रिकवरी वैनों की खरीद के अलावा यातायात से संबंधित अन्य कार्य किए जाएंगे. कैबिनेट मंत्रियों ने कहा कि इस प्राजैक्ट के लागू होने से जहां अमृतसर शहर में ट्रैफिक की समस्या दूर होगी, वहीं विश्व स्तर पर शहर का परिदृश्य और भी सुंदर बनेगा.
फिलहाल जिला सड़क सुरक्षा समितियों के लिए डिप्टी कमीश्नरों को पहले पड़ाव के तहत 4 करोड़ रुपए जारी किए गए हैं. बड़े जिलों को 20-20 लाख रुपए और छोटे जिलों को 15-15 लाख रुपए की राशि दी गई है. इस राशि से ज़िलों में सडक सुरक्षा और ट्रैफिक में सुधार सहित सड़क सुरक्षा के लिए जागरूकता मुहिम चलाई जाएगी.
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डा. बलबीर सिंह ने बताया कि सड़क हादसों के पीड़ितों के लिए स्थापित किए गए राज्य के पांच ट्रॉमाकेयर सेंटरों को जल्दी नई मशीनें मुहैया करवाई जाएंगी. उन्होंने कहा कि समर्पित संस्था और आधुनिक इमरजेंसी देखभाल सुविधाओं के जरिए 10 में से 3 जानें सीधे तौर पर बचाई जा सकती हैं. राज्य में पांच ट्रौमा केयर सेंटर खन्ना, जालंधर, पठानकोट, फिरोजपुर और फाजिल्का में बने हुए हैं और इन सेंटरों में समर्पित स्टाफ की भर्ती के लिए प्रक्रिया जारी है.