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पाकिस्तान में कुदरत का कहर: बाढ़ से पुल ढहे व 234 मौतें, विदेशी पर्यटकों सहित हजारों लोग फंसे

इस्लामाबाद : पाकिस्तान के कई हिस्सों में मानसूनी बारिश ने भयंकर तबाही मचाई है। जून के अंत से अब तक बाढ़ और भूस्खलन के कारण 234 लोगों की मौत हो चुकी है और सैकड़ों गांव प्रभावित हुए हैं। सबसे ज्यादा नुकसान पंजाब प्रांत में हुआ है जहां प्रमुख नदियों चेनाब, सिंधु और झेलम के जलस्तर में तेजी से बढ़ोतरी हुई है।

हजारों लोगों ने छोड़ा घर
राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA) ने बताया कि पंजाब के मुजफ्फरगढ़, डेरा गाजी खान, रहीम यार खान, झांग और ननकाना साहिब जिलों में हजारों लोग घर छोड़कर सुरक्षित स्थानों पर जाने को मजबूर हैं। मुख्यमंत्री मरियम नवाज ने ननकाना साहिब में बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा कर पीड़ितों में राहत सामग्री बांटी। सिंधु नदी में उफान से सैकड़ों गांवों की खड़ी फसलें भी पानी में डूब गई हैं।

गिलगित-बाल्टिस्तान में फंसे हजारों लोग
भारी बारिश ने पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) और गिलगित-बाल्टिस्तान में भी तबाही मचाई है। यहां भूस्खलनों के कारण काराकोरम हाईवे (केकेएच) और बाबूसर दर्रा मार्ग कई जगहों पर बंद हो गए हैं। शिगर में एक पुल टूटने से के2 बेस कैंप जाने वाला रास्ता बाधित हो गया है, जिससे विदेशी पर्वतारोही और स्थानीय लोग फंस गए हैं।

संचार व्यवस्था ठप्प
भूस्खलन से फाइबर ऑप्टिक केबल टूट जाने से गिलगित-बाल्टिस्तान में मोबाइल और इंटरनेट सेवाएं घंटों बंद रहीं। प्रशासन ने वैकल्पिक सैटेलाइट नेटवर्क शुरू किया है, लेकिन कनेक्टिविटी बहुत कमजोर है। क्षेत्रीय प्रवक्ता फैजुल्लाह फराक के मुताबिक, नरान घाटी के आसपास 7-8 किलोमीटर के दायरे में तेज बारिश और अचानक बाढ़ से हालात बिगड़े हैं।

सरकारी राहत और मुआवजा
गिलगित-बाल्टिस्तान के मुख्यमंत्री हाजी गुलबार खान ने दियामेर जिले के कई गांवों को आपदा क्षेत्र घोषित किया है और मृतकों के परिजनों को मुआवजा देने की घोषणा की है। फंसे लोगों को निकालने के लिए हेलिकॉप्टर से रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया जा रहा है।

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