हांगकांग की सड़कों पर फिर से उतरे हजारों प्रदर्शनकारी, पुलिस ने दागे आंसू गैस के गोले
हांगकांग (एजेंसी): चीन के विवादास्पद राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के खिलाफ हांगकांग में हजारों की संख्या में लोकतंत्र समर्थक सड़कों पर उतर आए। विरोध कर रहे प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने उन पर आंसू गैस और पेपर स्प्रे का इस्तेमाल किया। देश में लॉकडाउन लागू होने के बाद यह पहला सबसे बड़ा प्रदर्शन है। इस बीच, विरोध को देखते हुए पुलिस ने चीनी प्रतिनिधियों के कार्यालय पर सुरक्षा को और सख्त कर दिया है।
बता दें कि चीन ने शुक्रवार को संसद में नया कानून पेश किया था, जिसका मकसद हांगकांग पर नियंत्रण को और सख्त करना है। रविवार को हजारों की संख्या में काले कपड़े पहने लोग प्रमुख शॉपिंग सेंटर कॉजवे बे के बाहर इकट्ठा हुए, जिसके बाद उन्होंने कानून के खिलाफ प्रदर्शन शुरू कर दिया।
प्रदर्शनकारियों ने ‘हांगकांग के साथ एकजुट’, ‘हांगकांग को आजाद करो’ और ‘हमारे दौर की क्रांति’ जैसे नारे लगाए। प्रदर्शन के दौरान जाने माने कार्यकर्ता टैम टैक-ची को गिरफ्तार कर लिया गया। इस दौरान प्रदर्शनकारियों को पुलिस की तरफ से आठ से ज्यादा लोगों के इकट्ठा होने पर रोक को लेकर चेताया गया, लेकिन लोग नहीं माने। इसके बाद पुलिस को आंसू गैस के गोले दागने पड़े। लोकतंत्र समर्थकों ने इस कानून को एक देश, दो व्यवस्था के सिद्धांत के खिलाफ बताया है। 28 मई को पारित हो सकता है कानून
चीनी संसद में नया कानून 28 मई को पारित होने की उम्मीद है। इसके पारित होने से हांगकांग की विधायिका दरकिनार हो जाएगी और सरकार को शहर में मुख्य एजेंसियों को तैनात करने का अधिकार मिल जाएगा। माना जा रहा है कि इससे चीनी एजेंटों को लोकतंत्र समर्थकों को मनमाने ढंग से गिरफ्तार करने की छूट मिल जाएगी।
हांगकांग के आखिरी ब्रिटिश गवर्नर बोले, चीन ने दिया धोखा
हांगकांग के आखिरी ब्रिटिश गवर्नर क्रिस पैटन ने चीन पर धोखा देने का आरोप लगाया है। पैटन ने कहा, मुझे लगता है कि हांगकांग के लोगों के साथ चीन ने विश्वासघात किया है। नया कानून लाकर हांगकांग पर नियंत्रण करने के इरादे ने यह एक बार फिर साबित कर दिया है। 1997 में चीन के साथ समझौते में यह स्पष्ट था कि एक देश, दो व्यवस्था सिद्धांत के तहत हांगकांग का अपना न्यायिक सिस्टम होगा और 2047 तक पश्चिमी शैली की स्वतंत्रता का अधिकार रहेगा।