जम्मू-कश्मीर में राहुल गांधी को खतरा! भारत जोड़ो यात्रा के दौरान पैदल न चलें- सुरक्षा एजेंसियों ने चेताया
जम्मू: भारत जोड़ो यात्रा में बिजी राहुल गांधी को लेकर सुरक्षा एजेंसियों ने अलर्ट जारी किया है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार कश्मीर में भारत जोड़ो यात्रा के दौरान राहुल गांधी को कुछ जगहों पर नहीं चलने की सलाह दी गई है। सुरक्षा सूत्रों ने जानकारी दी है कि उन्हें जम्मू कश्मीर में कुछ जगहों पर पैदल चलने से बचना चाहिए। पैदल के बजाय उन्हें कार में यात्रा करनी चाहिए। बता दें कि राहुल गांधी के नेतृत्व में भारत जोड़ो यात्रा 19 जनवरी को जम्मू कश्मीर के लखनपुर में एंट्री लेगी।
योजना के मुताबिक राहुल गांधी 19 जनवरी को लखनपुर में प्रवेश करेंगे और वहां एक रात रुकने के बाद अगली सुबह कठुआ के हटली मोड़ से रवाना होंगे। यात्रा फिर से चड़वाल में रात्रि विश्राम करेगी। 21 जनवरी की सुबह यह हीरानगर से दुग्गर हवेली के लिए शुरू होगी और 22 जनवरी को विजयपुर से सतवारी तक जाएगी।
सुरक्षा एजेंसी से जुड़े एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि राहुल गांधी को जम्मू कश्मीर में कुछ जगहों पर खतरा हो सकता है। उन्होंने कहा कि उनको सुरक्षित करने के लिए एक विस्तृत योजना बनाई गई है और यह सलाह दी गई है कि उन्हें पैदल यात्रा करने से बचना चाहिए और इसके बजाय कार में यात्रा करनी चाहिए।
अधिकारी ने कहा कि एक व्यापक सुरक्षा समीक्षा अभी भी चल रही है जिसमें रात के पड़ावों के बारे में विवरण पर काम किया जा रहा है। 52 वर्षीय कांग्रेस नेता 25 जनवरी को बनिहाल में राष्ट्रीय ध्वज फहराने के लिए तैयार हैं और दो दिन बाद 27 जनवरी को अनंतनाग के रास्ते श्रीनगर में एंट्री लेंगे।
अधिकारी ने कहा कि राहुल गांधी कश्मीर के रास्ते में तिरंगा फहराएंगे। अब तक ऐसा लगता है कि यह बनिहाल के आसपास होगा। फिर यात्रा गणतंत्र दिवस के एक दिन बाद अनंतनाग के रास्ते श्रीनगर में प्रवेश करेगी। उनके अनुसार, सुरक्षा एजेंसियां चाहती हैं कि राहुल गांधी जब श्रीनगर में हों तो कुछ ही लोग उनके साथ यात्रा करें।
गौरतलब है कि राहुल गांधी के पास वर्तमान में Z + श्रेणी सुरक्षा कवर है, जिसका अर्थ है कि 8/9 कमांडो 24×7 उनकी रखवाली कर रहे हैं।
बता दें कि पिछले साल 7 सितंबर को तमिलनाडु के कन्याकुमारी से कांग्रेस ने भारत जोड़ो यात्रा की शुरुआत की थी। 150 दिनी और 3750 किलोमीटर के लक्ष्य के साथ यह यात्रा राहुल गांधी के नेतृत्व में 12 राज्यों और 2 केंद्र शासित प्रदेशों को कवर करेगी।