श्रीनगर (विवेक ओझा): जम्मू कश्मीर में आतंकवाद एक ऐसे वायरस की तरह हैं जिसकी वैक्सीन बनते ही वह अपना स्वरूप बदल लेता है। हालिया रिपोर्ट में आतंकवाद की घटनाओं और आतंकियो की कार्यशैली में नाटकीय बदलाव देखने को मिले हैं।कश्मीर वैली में अब ‘हाइब्रिड आतंकवाद’ ने कश्मीर के आतंकवाद के वायरस को एक नए म्यूटेंट के रूप मे परिवर्तित कर दिया है।कश्मीर वैली में अब सीमा पार पाकिस्तान में बैठे आतंकियो ने कश्मीर के स्थानीय लोगों को अपने जाल में फँसाना शुरू किया है, ऐसे लोग जिनकी पहचान स्थानीय कारोबारी के रूप में स्थापित हो,उनको टेरर मॉड्यूल के रूप में इस्तेमाल कर के आतंकी घटनाओं को अंजाम दिलाया जाने लगा हैं , जिससे आतंकी घटनाओं को अंजाम देकर वापस आम कश्मीरीयो की आड़ में आतंकियो की पहचान को छुपाया जा सके।
जम्मू-कश्मीर के डीजीपी आर. आर. स्वैन के अनुसार श्रीनगर शहर के बेमिना इलाके में पिछले सप्ताह एक पुलिसकर्मी पर हुए हमले में शामिल तीन ‘हाइब्रिड’ आतंकवादियों को गिरफ्तार किया गया है। इन हाइब्रिड आतंकियों ( hybrid terrorists) ने जम्मू कश्मीर पुलिस के कॉन्स्टेबल मोहम्मद हाफिज चक पर नौ दिसंबर को उस समय हमला किया था जब वह अपनी ड्यूटी करने के बाद घर लौट रहे थे। जम्मू कश्मीर के पुलिस महानिदेशक ने बताया है कि हमले की साजिश पाकिस्तान स्थित आतंकवादी अर्जुमंद उर्फ हमजा बुरहान ने रची थी जो एक स्थानीय आतंकवादी दानिश अहमद मल्ला के संपर्क में था। पुलिस महानिदेशक के अनुसार’हाइब्रिड आतंकवादी’ वे होते हैं जो आतंकी हमले करते हैं और फिर वापस नियमित जीवन जीने लगते हैं जिससे उनकी पहचान कर पाना मुश्किल होता है।
कश्मीर में ऐसे चरमपंथी मानसिकता वाले स्थानीय युवाओं को जेहादी बनाकर पाकिस्तानी आतंकी संगठनों के इशारों पर कश्मीर में आतंक फैलाने का नया ट्रेंड सामने आया है जो आंतरिक सुरक्षा के लिहाज से एक गंभीर चुनौती है।
चूंकि जम्मू-कश्मीर में टेररिस्ट संगठनों का सफाया कर दिया गया है और लगातार ऑपरेशन ऑल आउट, ऑपरेशन त्रिनेत्र, ऑपरेशन काली के जरिए आतंकियों के खिलाफ अभियान चलाए जा रहे हैं। ऐसे में पाकिस्तान ने कश्मीरी युवाओं से ऑनलाइन संपर्क कर उनका ब्रेनवॉश करना शुरू कर दिया हैं।पाकिस्तानी आतंकी संगठनों ने हाइब्रिड मिलिटेंट को अपना नया हथियार बनाया है और ऐसे हाईब्रिड आतंकियो को ऑनलाइन ट्रेनिंग भी मुहैया कराई जा रही है।
जिसके खिलाफ जम्मू कश्मीर पुलिस और देश के गृह मंत्रालय ने एनआईए और UAPA, 1967 कानूनों के तहत इस हाईब्रिड आतंकवाद से निपटने की तैयारियों को चाक चौबंद करना शुरू कर दिया है।