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लेपर्ड, एलीफैंट और लॉयन के बाद जयपुर में जल्द टाइगर सफारी

जयपुर: तेंदुआ, शेर और एलीफेंट सफारी के बाद जयपुर में जल्द ही पर्यटक टाइगर सफारी का भी आनंद उठा सकेंगे। इस तरह पिंक सिटी जयपुर भारत का पहला शहर हो जाएगा जहां चार वाइल्डलाइफ सफारी मौजूद होंगी। फिलहाल यहां झालना में तेंदुआ सफारी, हाथी गांव में एलीफैंट सफारी और नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में लॉयन सफारी है।

अगले साल के अंत तक काम पूरा
जयपुर में साल 2022 के अंत तक टाइगर सफारी शुरू करने की तैयारी है। इसके बाद वाइल्डलाइफ प्रेमियों को टाइगर सफारी देखने सरिस्का या रणथंभौर नहीं जाना होगा। एक वन अधिकारी ने बताया कि टाइगर सफारी नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क के करीब एग्जॉटिक पार्क में विकसित किया जाएगा। इसका कुल इलाका करीब 30 स्क्वॉयर हेक्टेयर में होगा। यह काम जयपुर विकास प्राधिकरण (जेडीए) करेगा और इसके लिए 4.5 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। उन्होंने कहाकि अगले साल के अंत तक यह काम पूरा हो जाएगा। इसके बाद बाघ और बाघिन को यहां छोड़ा जाएगा। इसके बाद धीरे-धीरे अन्य जानवर लाए जाएंगे।

इस मामले में देश का एकमात्र शहर
जयपुर विकास प्राधिकरण के कमिश्नर गौरव गोयल पहले ही कह चुके हैं कि जेडीए ने लायन सफारी तैयार की थी। अब यह टाइगर सफारी भी विकसित करेगा। यहां अंग्रेजी के अंक आठ के आकार का ट्रैक तैयार किया जाएगा। इसके अलावा एक वॉचटावर और एक टाइगर के लिए 10 शेल्टर्स भी बनाए जाएंगे। गौरव गोयल ने कहाकि टाइगर सफारी बन जाने के बाद जयपुर संभवत: देश का एकमात्र शहर होगा जहां चार वाइल्डलाइफ सफारी हैं। वहीं वन विभाग तेंदुआ सफारी में दो और जंगल ब्लॉक बनाने की तैयारी में है। जयपुर के झालना फॉरेस्ट एरिया में स्थित इस सफारी में करीब 43 से 45 तेंदुआ हैं। तेंदुआ संरक्षण की दिशा में एक कदम आगे जाते हुए राजस्थान वन विभाग गलता क्षेत्र के अमागढ़ फॉरेस्ट ब्लॉक और नाहरगढ़ फॉरेस्ट ब्लॉक में लेपर्ड हैबिटेट विकसित करने के प्रयास में लगा है।

दो से ज्यादा लेपर्ड सफारी की तैयारी
इसके अलावा विभाग जल्द ही नए रूट्स पर तेंदुआ सफारी भी शुरू करने जा रहा है। वन प्रमुख डीएन पांडेय ने बताया कि अगले साल की शुरुआत में अमागढ़ फॉरेस्ट ब्लॉक में सफारी रूट शुरू हो जाएगा। इसके बाद नाहरगढ़ ब्लॉक की बारी आएगी। उन्होंने दावा किया कि जयपुर संभवत: दुनिया का पहला शहर होगा, जहां दो से ज्यादा जगहों पर लेपर्ड सफारी है। गौरतलब है कि झालना, अमागढ़ और नाहरगढ़ के तीन फॉरेस्ट ब्लॉक में 70 से ज्यादा तेंदुआ हैं। इनमें झालना फॉरेस्ट रिजर्व में सबसे ज्यादा 44 हैं। विभागना इन दोनों इलाकों में दो रूट शुरू करने की तैयारी में है। अमागढ़ में 16.36 स्क्वॉयर किमी एरिया और नाहरगढ़ में 15 स्क्वॉयर किमी एरिया का इस्तेमाल सफारी के लिए होगा।

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