सोशल मीडिया पर BJP से भिड़ने को टिकैत तैयार, कहा- उनके पास ट्विटर तो हमारे पास ट्रैक्टर और टैंकर
भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता और किसान आंदोलन के प्रमुख नेता राकेश टिकैत ने रविवार को बांदा में कहा कि वह सोशल मीडया में सरकार से हार रहे हैं। उनके पास ट्विटर है तो हमारे पास जवाब देने का हथियार ट्रैक्टर और टैंकर हैं, उन्होंने कहा कि युवा किसानों से सोशल मीडिया पर सक्रियता बढ़ाने को कहा गया है।
हमीरपुर के मौदाहा में बुन्देलखण्ड की किसान महापंचायत में सिरकत करने सुबह ट्रेन से बांदा में उतरे राकेश टिकैत ने कहा कि वह विस चुनाव लड़ेंगे या नहीं आचार संहिता के बाद तय करेंगे, फिलहाल तो लड़ने का तय नहीं है। मीडिया से मुखातिब राकेश टिकैत ने राजनीति के सवाल पर कहा कि जो जिस रंग के चश्मे से देखेगा उसे वैसा ही दिखेगा। उनका (भाजपा) मकसद चुनाव है इसलिए हमें भी चुनाव से जोड़ रहे हैं लेकिन हमारा मकसद देश बचाना है इसलिए यूपी ही नहीं पूरे देश में घूम रहे हैं। कुछ नारों को लेकर आयी आपत्ति पर राकेश टिकैत ने कहा कि क्या सरकार बताएगी कि किसान कौन सा नारा लगाएं और कौन सी पूजा पद्धति अपनाएं, यह अधिकार तो उन्हें संविधान में मिला है।
राकेश टिकौत ने कहा कि सरकार तीन कृषि कानून बनाकर रोटी को तिजोरी में बंद करने की कोशिश कर रही है। टिकैत ने कहा कि रोटी बाजार की चीज नहीं बल्कि सभी की जरूरत की चीज है। आरोप लगाया कि सरकार को बड़ी कंपनियां चला रहा हैं, सारे संसाधन औने-पौने में उनको बेचे जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि रेलवे, एयरपोर्ट, एलआईसी, भारत पेट्रोलियम सब बेचने की तैयारी है जिसका संयुक्त किसान मोर्चा विरोध कर रहा है। टिकैत ने कहा कि बेरोजगारी झेल रहे देश के करोड़ों नौजवानों को इस लड़ाई में आगे आना होगा, सामने आकर उन्हें इस लड़ाई में शामिल होना होगा।
राकेश टिकैत ने बुन्देलखण्ड के लिए तमाम योजनाएं बचायीं और कहा यह लागू कर दें तो पूरा क्षेत्र फिर सोने की चिड़िया बन जाए। उन्होंने कहा अफसरों और नेताओं ने केवल यहां की प्राकृतिक संपदा लूटी है, यहां के लिए कोई नहीं किया। उन्होंने कहा कि यहां का 80 फीसदी पैसा यहीं लगा दिया जाए तो गरीब किसान खुशहाल हो जाए। बुन्देलखण्ड को आर्गेनिक स्टेट बनाकर इंटरनेशनल मार्केट तक पहुंचाया जाए, विलेज टूरिज्म पॉलिसी बने जिससे बुन्देलखण्ड को नेचुरल क्षेत्र का लाभ मिल सके। उन्होंने कहा कि अपना बुंदेलखंड, अपना रोजगार योजना बनायी जाए।
हमीरपुर की मौदाहा गल्ला मंडी में रात से ही सैकड़ों किसान जुटने लगे। किसानों ने खानपान की व्यवस्था खुद संभाल रखी है। दूसरी तरफ प्रशासन ने कई जिलों से फोर्स बुलाकर सुरक्षा व्यवस्था संभाल रखी है। महापंचायत के लिए भाकियू ने न तो कोई अनुमति मांगी है, न प्रशासन ने कोई अनुमति दी है। अफसरों ने पंचायत पर रोक भी नहीं लगाई और कहा है कि किसानों को कोई दिक्कत नहीं होगी।