नई दिल्ली : डायबिटीज मरीजों के लिए ब्लड शुगर में इजाफा होना काफी बुरा माना जाता है. जिन मरीजों का शुगर लेवल हमेशा हाई रहता है उनके फेफड़े, किडनी और दिल पर भी बुरा असर पड़ता है. कुछ मरीज शिकायत करते हैं कि रोज सुबह के उनका वक्त ब्लड अचानक से स्पाइक कर जाता है. अगर आप भी ऐसे लोगों में शामिल हैं तो आपका मॉर्निंग ब्रेकफास्ट बेहद हेल्दी होना बेहद जरूरी है. सुबह का नाश्ता ऐसा होना चाहिए जो आपके शुगर लेवल को कंट्रोल करने के साथ-साथ दिनभर एक्टिव रखने में भी आपकी मदद करे।
एवोकैडो में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स आपको मेटाबोलिक सिंड्रोम से बचा सकता है. दरअसल, इस सिंड्रोम से ग्रसित लोगों में टाइप-2 डायबिटीज होने का खतरा बढ़ जाता है. ऐसे में रोजाना ब्रेकफास्ट में एवोकॉडो के सेवन से आपका शुगर लेवल नहीं बढ़ेगा. साथ ही ग्लाइसेमिक इंडेक्स, फाइबर और मोनोअनसैचुरेटेड फैटी एसिड बढ़े हुए शुगर लेवल को वापस सही स्तर पर ला सकते हैं. यह हार्ट अटैक और स्ट्रोक जैसे बीमारियों का भी खतरा कम करता है।
कई भ्रांतियों के चलते कई डायबिटीज मरीज मछली खाने से बचते हैं. उन्हें लगता है कि मछली उनके शुगर लेवल में इजाफा कर सकता है.हालांकि, मछली में मौजूद प्रोटीन दिनभर के लिए एनर्जी भले दे सकती है. इसमें मौजूद ओमेगा 3 हमारे हृदय के लिए फायदेमंद है. साथ ही मौजूद विटामिन डी आपके ब्लड शुगर को कंट्रोल कर सकता है. दरअसल,डायबिटीज के मरीजों में विटामिन डी का स्तर कम हो जाता है. ऐसे में आप मछली को अपने आहार में शामिल कर बॉडी में विटामिन डी की कमी को पूरा कर सकते हैं।
अगर आपका ब्लड शुगर लेवल हमेशा हाई रहता है तो लहसुन का सेवन कर उसे कंट्रोल में लाया जा सकता है. दरअसल,लहसुन का ग्लाइसेमिक इंडेक्स 10–30 है, जो ब्लड शुगर के लिए लो माना जाता है. रोजाना इसके सेवन से ना सिर्फ ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल रहेगा. इसके अलावा इसमें मौजूद गुणों के चलते आप कई बीमारियों से भी दूर रहेंगे।
एप्पल साइड विनेगर में एसिटिक एसिड होता है. यह पेट में मौजूद उन एंजाइम में कम करने में मदद करता है जो बॉडी में शुगर का लेवल बढ़ा सकता है. इसका रोजाना सेवन करसे आपकी बॉडी की इंसुलिन सेंसिटिविटी बढ़ेगी. रोजाना तकरीबन 20 ml एप्पल साइड विनेगर (यानी 4 चम्मच) को 40 ml पानी के साथ लेते हैं तो आपका ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल में रहेगा।
हरी-पत्तेदार सब्जियों में फाइबर, मैग्नीशियम और विटामिन ए जैसे पोषक तत्व होते हैं. साथ ही इन सभी सब्जियों में ग्लाइसेमिक इंडेक्स 1 से भी कम होता है, जो शुगर लेवल में इजाफा करने के लिए काफी कम है. ऐसे में ब्रेकफास्ट में रोजाना इसके सेवन से आप डायबिटीज से बचे रह सकते हैं।
चिया सीड्स फाइबर, हेल्दी फैट, ओमेगा -3, कैल्शियम और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होता है. बैड कोलेस्ट्रॉल को कम करने के लिए इसका सेवन किया जाता है. इसका मिक इंडेक्स 30 होता है, जो ब्लड शुगर लेवल बढ़ाने के लिए काफी कम है. ऐसे में इसका सेवन दिनभर आपको एनर्जेटिक रखेगा और शुगर लेवल भी नहीं बढ़ने देगा।
ब्लैकबेरी और ब्लूबेरी में ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता,जो शुगर लेवल बढ़ाने के लिए बेहद कम माना जाता है. साथ ही यह लोगों की बॉडी में इंसुलिन सेंसिटिविटी को बढ़ाता है, जो ब्लड शुगर को कंट्रोल करने के लिए बेहद जरूरी माना जाता है।
कई रिसर्च्स में ये बात सामने आ चुकी है कि बादाम का सेवन ब्लड शुगर को कंट्रोल करने में मददगार साबित हो सकता है. दरअसल, बादाम के सेवन से बॉडी में बीटा कोशिकाएं ज्यादा प्रभावी हो जाती है. इससे पैंक्रियाज में इंसुलिन बनती है. इससे बॉडी में इंसुलिन सेंसिटीविटी का विकास होता है, जो डायबिटीज के लिए प्रतिरोधक के तौर पर काम करता है।
डायबिटीज मरीजों के लिए साबुत अनाज, जैसे बाजरा या क्विनोआ सफेद आनाज की तुलना में बेहतर विकल्प है. दरअसल, सफेद अनाज में कार्बोहाइड्रेट की मात्रा अधिक होती है, जो ब्लड शुगर बढ़ने की वजह बन सकती है.वहीं, साबुत अनाज में फाइबर, फाइटोकेमिकल्स और पोषक तत्व अधिक मात्रा में होते हैं. इसके सेवन से बॉडी के इंसुलिन सेंसिविटी में इजाफा होता है. ऐसा होने से आप ब्लड शुगर को आसानी से कंट्रोल कर सकते हैं।