सर्दी के मौसम में सभी को सर्दी-जुखाम आसानी से हो जाता है खासतौर पर बच्चें जल्दी बीमार पड़ जाते है। बच्चों को हर बार सर्दी-जुकाम होने पर दवा देना भी सही नहीं है। ऐसे में घरेलू नुस्खे ही काम आते हैं। ऐसे में से बहुत जरूरी है कि आपको कुछ ऐसे नुस्खों के बारे में पता हो जो बच्चों के लिए सुरक्षित और असरकारी होते हैं।
कोरोना के आने के बाद से काढ़ा बनाने और पीने का चलन काफी बढ़ गया है। लेकिन आप बच्चों को वही काढ़ा नहीं दे सकते हैं जो वयस्क पीते हैं, क्योंकि इनमें बहुत तेज जड़ी-बूटियों का इस्तेमाल किया गया होता है। आज हम आपको इस आर्टिकल के जरिए एक साल से अधिक उम्र के बच्चों में सर्दी-जुकाम को ठीक करने के लिए असरकारी काढ़ा बनाने की विधि के बारे में बताने जा रहे हैं।
बच्चो को सर्दी, जुखाम और खांसी से बचाने वाले इस काढ़े को बनाने के लिए आपको डेढ़ कप पानी, 10 तुलसी के पत्ते, आधे से आधा नींबू, एक चम्मच शहद, एक साबुत काली मिर्च, एक चुटकी अजवाइन, एक चुटकी हल्दी और आधा इंच अदरक चाहिए होगी।
बच्चों में सर्दी-जुकाम को ठीक करने के लिए आप निम्न स्टेप्स की मदद से काढ़ा बना सकते हैं :
सबसे पहले एक पैन लें और उसे गैस पर रख दें।
अब इसमें डेढ़ कप पानी डालें और उसे उबाल लें।
फिर इस पानी में हल्दी, अजवाइन, अदरक और काली मिर्च डाल दें।
पानी को ढक दें और 5 मिनट तक उबाल आने दें।
पानी को उबालने के दौरान आपको आंच धीमी ही रखनी है।
जब पानी आधा हो जाए तो गैस बंद कर दें।
काढ़ा बनाने के आगे के स्टेप्स कुछ इस प्रकार हैं :
गैस बंद करने के बाद काढ़े को थोड़ा ठंडा होने दें।
इसके बाद पानी को छान लें।
अब इस पानी में नींबू निचोड़ दें।
इस काढ़े में इस्तेमाल की गई सभी चीजें बच्चे की इम्यूनिटी को मजबूत करती हैं। इससे सांस से संबंधित विकारों से भी राहत मिल सकती है। यह गले में खराश की समस्या को भी दूर करता है। इस काढ़े को गुनगुना करके दिन में दो या तीन बार एक से दो चम्मच बच्चे को पिलाएं। ध्यान रखें कि काढ़ा गर्म नहीं होना चाहिए वरना बच्चे का मुंह जल सकता है। एक साल से अधिक उम्र के बच्चों को ही यह काढ़ा देना है और इससे बड़े बच्चों को आप 1 से 2 चम्मच से अधिक मात्रा में काढ़ा पिला सकते हैं।
काढ़े के अलावा और भी कई असरकारी तरीके हैं जिनकी मदद से आप छोटे बच्चों में सर्दी-जुकाम का इलाज कर सकते हैं, जैसे कि :
ठंड के मौसम में बच्चे की छाती को ढककर रखें।
अगर बच्चे की छाती में कफ बन गया है तो अजवाइन की पोटली बनाकर हल्की सिकाई करें।
जब बच्चा बीमार हो या उसे जुकाम हो तो कभी उसे गंदे हाथ ना लगाएं और उसे हाथ लगाने से पहले अच्छी तरह से हाथों को धो लें।