व्यापार

वित्तीय घाटे को पूरा करने के लिए केंद्र सरकार पूरी तरह तैयार, ऐसे बनाया है प्लान

नई दिल्ली: केंद्रीय बजट 2023-24 के लिए तैयारियां जारी हैं. इस बीच केंद्र सरकार का मानना है कि वह वित्तीय घाटे के लक्ष्य को पूरा कर लेगी. इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, केंद्र Budget में तय किए गए राजकोषीय घाटे के लक्ष्य से भी बेहतर कर सकता है, क्योंकि Revenue पहले के मुकाबले बेहतर है. रिपोर्ट के मुताबिक, एक अधिकारी ने बताया है कि उन्हें पूरा विश्वास है कि वे वित्तीय घाटे के लक्ष्य को पूरा कर लेंगे. अधिकारी ने ईटी से कहा कि यह प्रतिशत के मामले में और बेहतर हो सकता है.

रिपोर्ट के मुताबिक, केंद्र ने वित्त वर्ष 2023 के लिए राजकोषीय घाटे के लक्ष्य को जीडीपी के 6.4 फीसदी पर तय किया है. हालांकि, क्योंकि सरकार को अपना लक्ष्य हासिल करने की उम्मीद है. इसलिए कुछ मंत्रालय अपने साल के आवंटन को पूरी तरह इस्तेमाल करने की स्थिति में नहीं होगी. इसके अलावा नॉमिनल जीडीपी ग्रोथ के बजट में अनुमानित स्तर से ज्यादा रहने से भी राजकोषीय घाटा पूरा करने में मदद मिल सकती है.

रिपोर्ट में बताया गया है कि महंगाई को काबू में करने के लिए टैक्स कटौती की वजह से केंद्रीय एक्साइज कलेक्शन कम रहा है. सरकार पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स पर रेवेन्यू गंवा रही है. और घरेलू क्रूड ऑयल पर विंडफॉल टैक्स लगाने से भी इसकी भरपाई नहीं होगी. हालांकि, डायरेक्ट टैक्स और जीएसटी के आंकड़े अच्छे रहने की वजह से रेवेन्यू बेहतर रहा है.

इसके अलावा क्योंकि बहुत से मंत्रालय अपने वित्त वर्ष 2023 के बजट को पूरा इस्तेमाल नहीं कर सकेंगे. इससे वित्त मंत्रालय बिना वित्तीय घाटे से कुछ पैसे लिए अपनी सभी मांगों को पूरा कर सकता है. रिपोर्ट में कहा गया है कि वित्त वर्ष 2023 के लिए कुछ खर्च का बजट 39.4 लाख करोड़ रुपये है और पहले छह महीनों में, सरकार ने इसमें से केवल 18.2 लाख करोड़ रुपये खर्च किए हैं.

हालांकि, केंद्र का कलेक्शन बजट में तय स्तर के 52.7 फीसदी पर वित्त वर्ष के पहले छह महीनों में पहुंच गया है. बता दें कि सरकार का लक्ष्य है कि राजकोषीय घाटा 4 फीसदी और 5 फीसदी के बीच के ऐतिहासिक स्तर से ज्यादा बना रहे. यह वित्त वर्ष 2020-21 में कोविड-19 महामारी के पहले साल के दौरान 9.3 फीसदी के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया था.

Related Articles

Back to top button