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बिजली संकट से उबरने के लिए सरकार को उठाना पडे़गा बोझ, 1.9 करोड़ टन कोयले का आयात करेगा भारत

नई दिल्ली: देश में ब़ढती बिजली की मांग और कोयले की कमी के चलते कई राज्यों में लंबे-लंबे कट लगाए जा रहे जिससे लोगों को बड़ी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इससे निपटने के लिए सरकार कोयले के आयात को बढ़ाने पर विचार कर रही है। एक रिपोर्ट बताती है कि भारत जून तक विदेश से 1.9 करोड़ टन कोयले के आयात को लेकर काम कर रहा है। बढ़ते गर्मी के कारण बढ़ रहे बिजली खपत को देखते हुए भारत सरकार यह कदम उठा रही है। बता दें कि भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा कोयला आयातक देश है और बिजली के बढ़ते खपत को देखते हुए और कोयला मंगवा रहा है।

मार्च में बिजली की डिमांड 8.9 फीसदी बढ़ गई है। हर साल गर्मियों में बिजली की खपत बढ़ जाती है। एक दिन में बिजली की पीक डिमांड अप्रैल में 207.11 गीगावॉट रही। 2021 में यही 182 गीगावॉट और 2020 में 133 गीगावॉट थी। भारत में पिछले चार साल में सबसे अधिक बिजली की डिमांड है। बिजली संकट के लिए मुफ्त में बिजली देने की होड़ और विद्युत कंपनियों का राज्यों पर एक लाख करोड़ से अधिक की रकम बकाया है। हालांकि इसके बावजूद राज्यों की बिजली नहीं रोकी गई है।

बिजली का संकट पिछले छह साल में सबसे अधिक है। पावर सिस्टम ऑपरेशन कार्पोरेशन की रिपोर्ट के अनुसार पिछले छह वर्षों में पहली बार इस तरह का बिजली संकट पैदा हुआ है। अप्रैल-2022 के पहले 27 दिन में मांग की तुलना में 1.88 बिलियन यूनिट बिजली का संकट बना रहा। पिछले साल अक्तूबर में भी बिजली संकट गहरा गया था। लेकिन इस बार हालात और अधिक खराब हैं। अगर सिर्फ ओडिशा की बात करें, तो कोयले के अभाव में एनटीपीसी का एक संयंत्र बंद है, इससे 800 मेगावॉट बिजली का उत्पादन होता है।

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