तुलसी का ये पौधा लगाना है शुभ, इस दिन लगाएं
नई दिल्ली : हर घर के आंगन में एक तुलसी का पौधा लगा हुआ दिखाई देता है। यदि आपने कभी तुलसी के पत्तों को गौर से देखा हो तो आपको उनके रंग में अन्तर दिखाई देगा। किसी तुलसी के पौधे के पत्ते गहरे हरे रंग या बैगनी रंग के होते हैं और किसी के सिर्फ हरे रंग के। यह अन्तर तुलसी के पौधों के कारण होता है। कहा जाता है कि तुलसी के पौधों में दो प्रजातियाँ पाई जाती हैं जिन्हें रामा और श्यामा के नाम से जाना जाता है। रामा भगवान विष्णु की प्रिय है और श्यामा कृष्ण प्रिय है।
तुलसी का पौधा औषधीय गुण से युक्त होता है। इसको घर के आंगन में या घर के आसपास लगाने से नकारात्मक ऊर्जा का विनाश होता है। घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। लोगों के उत्तम स्वास्थ्य और उन्नति के लिए तुलसी के पौधे का बहुत महत्व है। तमाम तरह की बीमारियों से बचने के लिए तुलसी के पत्ते का सेवन किया जाता है। तुलसी का पौधा दो तरह का होता है। एक रामा, दूसरा श्यामा। तुलसी को माता लक्ष्मी का स्वरूप भी माना जाता है। यह भगवान विष्णु को अत्यधिक प्रिय है। इसलिए विधि विधान से तुलसी का पूजन करने पर माता लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं। घर से दुख और दरिद्रता का विनाश हो जाता है। घर के वातावरण को शुद्ध रखने के लिए भी लोग तुलसी का पौधा आंगन में लगाते हैं।
वास्तु के अनुसार घर में रामा और श्यामा तुलसी लगाने का अलग-अलग महत्व है। इन दोनों में से किसी एक पौधे को ही घर में लगाया जा सकता है। रामा तुलसी के पत्ते हरे होते हैं। इसे श्री तुलसी, उज्जवल तुलसी या भाग्यशाली तुलसी के नाम से भी जाना जाता है। वास्तु शास्त्र के जानकारों के अनुसार रामा तुलसी का पत्ता खाने में अन्य तुलसी के मुकाबले मीठा होता है।
इसी तुलसी के पौधे का इस्तेमाल पूजा-पाठ में किया जाता है। घर में लगाने पर सुख, शांति और समृद्धि बढ़ती है। श्यामा तुलसी भगवान कृष्ण को अति प्रिय है। इसकी पत्तियां गहरे हरे रंग या बैगनी रंग की होती हैं। इसे गहरी तुलसी या कृष्ण तुलसी के नाम से भी जाना जाता है।
वैसे तो तुलसी का पौधा किसी भी दिन लगाया जा सकता है। लेकिन वास्तु शास्त्र के अनुसार तुलसी का पौधा लगाने का सबसे उत्तम समय कार्तिक माह के गुरुवार का दिन है। अगर आप तुलसी का पौधा लगाना चाहते हैं तो कार्तिक माह में गुरुवार के दिन ही लगाएं। ऐसा करने से आपको लाभ प्राप्त होगा और मां लक्ष्मी की कृपा आप पर बनी रहेगी।