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भारत को विश्व स्तर पर नेतृत्व प्रदान करने के लिए इनोवेशन को बढ़ावा देना होगा : डॉ. रेनू स्वरूप

लखनऊ: केंद्रीय औषधीय एवं सगंध पौधा संस्थान (सीएसआईआर-सीमैप) लखनऊ में गुरुवार को डॉ. रेनू स्वरूप (सचिव, डिपार्टमेंट ऑफ बायोटेक्नोलॉजी, भारत सरकार) ‘बिल्डिंग द बायोइकोनॉमी ईकोसिस्टम: इग्नायटिंग माइंड्स, स्परिंग इनोवेशन’ विषय पर छठवां हीरक जयंती व्याख्यान में कहा कि भारत को विश्व स्तर पर नेतृत्व प्रदान करने के लिए इनोवेशन को बढ़ावा देना होगा जिसे राष्ट्रीय प्रयोगशालाए एवं विश्वविद्यालयों द्वारा प्रोत्साहित करना होगा.

सीमैप में ‘बिल्डिंग द बायोइकोनॉमी ईकोसिस्टम: इग्नायटिंग माइंड्स, स्परिंग इनोवेशन’ व्याख्यान आयोजित

उन्होने जोर देकर यह भी कहा कि आज के युग में भारत जैसे कृषि प्रधान देश में जैव अर्थव्यवस्था का अत्यधिक महत्व है. उन्होने उपस्थित युवा शोधार्थियों को बताया कि वे अपने विचारों को इनोवेशन के द्वारा प्रज्वलित करके एंटरप्रेनरशिप द्वारा राष्ट्र निर्माण में योगदान करें. उन्होने भविष्य की टेक्नोलॉजी जैसे बिग डेटा, आर्टिफीशियल इंटेलिजेंस आदि पर विस्तार से बताने के साथ डीबीटी द्वारा सफल एंटरप्रेनर्स के बारे में भी बताया.

कार्यक्रम के दौरान संस्थान के निदेशक प्रो. अनिल के त्रिपाठी ने मुख्य अतिथि, डॉ. रेनू स्वरूप का अभिनंदन फूलों का गुलदस्ता एवं खस से बनी जैकेट देकर किया गया. प्रो. त्रिपाठी ने संस्थान के पिछले साठ वर्षों के योगदान के बारे में बताया औरमिंट क्रांति, मलेरिया से लड़ने में आर्टेमिसिया की भूमिका तथा बीजीआर-34 के बारे में भी जानकारी दी. उन्होने बताया कि सीमैप के द्वारा एरोमा मिशन के अंतर्गत पूरे भारतवर्ष में जलभराव, सूखाग्रस्त एवं लवणिया भूमि पर सगंध पौधों की खेती के द्वारा किसानों की आय में बढ़ोत्तरी की जा रही है. वही डीबीटी के सहयोग से सीमैप द्वारा किए गए विभिन्न अनुसंधान कार्यों के फलस्वरूप ही आज सीमैप को बायोटेक्नोलॉजी के क्षेत्र में राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर जाना जाता है. इस अवसर पर डॉ. आलोक कालरा (अध्यक्ष, आयोजन समिति) ने मुख्य अतिथि का परिचय व्याख्यान में दिया.  डॉ. कालरा ने बताया कि डॉ. रेनू स्वरूप के नेतृत्व में डीबीटी द्वारा अब तक लगभग 1000 एंटरप्रेनर्स को बढ़ावा दिया जा चुका है.

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