पति की जान बचाने के लिए पत्नी ने निभाया फर्ज, दान की अपनी किडनी
रतलाम: मध्य प्रदेश के रतलाम जिले में एक पत्नी ने अर्धांगिनी होने का फर्ज निभाया है.जिले के सिमलावदा गांव के पाटीदार परिवार की बहू चन्द्रकला को लेकर न केवल अपने गांव बल्कि आसपास के गांव में भी वाहवाही हो रही है. लोग उसकी मिसाल दे रहे हैं. दरअसल गांव सिमलावदा में लक्ष्मण पाटीदार की दोनो किडनी खराब हो गयी थी. ऐसे में लक्ष्मण की पत्नी चंद्रकला ही थी जो उसको जीवन दान दे सकती थी. पूरे परिवार की निगाहे और उम्मीद भी चंद्रकला पर आ टिकी थी. चंद्रकला ने अपना पत्नी धर्म निभाते हुए अपने पति की जान बचाने के लिए अपनी एक किडनी देने का फैसला किया. जिससे उसके पति की जान बच पाई. ऐसा कर के चंद्रकला ने परिवार और गांव वालों के दिल में जगह बना ली है. अब लोग उसकी तारीफ करते नहीं थक रहे हैं.
गांव के लोगों ने भी पाटिदार परिवार की इस बहु के पति धर्म और त्याग को देखते हुए गांव के मंदिर में किडनी ट्रांसप्लान्ट के पहले पूजा की और भगवान से पति-पत्नी के लंबी आयु की प्राथना की. पति-पत्नी लक्ष्मण व चंद्रकला का किडनी ट्रांसप्लांट ऑपरेशन बुधवार को गुजरात के नाडियाड में हुआ. इससे पहले पूरे गांव ने मिलकर अंबे माता मंदिर में यज्ञ, शिव मंदिर में महाभिषेक और हनुमान मंदिर में सुंदरकांड का आयोजन किया. गांव वालों की प्रार्थनाओं का असर भी देखने को मिला. जहां परिजनों से मिली जानकारी के अनुसार किडनी ट्रांसप्लांट का ऑपरेशन सफल रहा है.
परिजन के बताया कि लक्ष्मण की दोनों किडनी खराब होने से उनका उपचार इंदौर और नडियाद में चल रहा था. डॉक्टरों के अनुसार लक्ष्मण की जान बचाने के लिए उन्हें तुरंत किडनी ट्रांसप्लांट की जरूरत थी. मुश्किल समय में लक्ष्मण की पत्नी चंद्रकला ने अपने पति के लिए किडनी देने की सहमति दी. जिसके बाद उन्हें गुजरात के नडियाड में किडनी ट्रांसप्लांट के लिए भर्ती किया गया और फिर किडनी ट्रांसप्लांट की गई.
लक्ष्मण पाटीदार सिमलावदा गांव के किसान हैं. पाटीदार दंपति के परिवार में 17 वर्षीय बेटी और 14 वर्षीय बेटा है. किडनी खराब होने और ट्रांसप्लांट के जटिल ऑपरेशन की वजह से इस परिवार की आर्थिक स्थिति भी बिगड़ी हुई है. जिसके लिए गांव वालों ने अपने स्तर पर इस परिवार की मदद के लिए प्रशासन और समाजसेवियों से भी गुहार लगाई है.