पंजाब

पंजाब की चुनौतियों के हल के लिए खेती को लाभप्रद पेशा बनाना अनिवार्य: कृषि मंत्री

लुधियाना। पीएयू में दूसरी सरकार किसान मिलनी करवाई गई। मुख्यमंत्री भगवंत मान की सरपरस्ती अधीन हुई इस मिलनी की अध्यक्षता कृषि, किसान कल्याण और प्रवासी मामलों के मंत्री स. कुलदीप सिंह धालीवाल ने की। पशुपालन मंत्री स. लालजीत सिंह भुल्लर इस समारोह में विशेष मेहमान के तौर पर शामिल थे। इस मिलनी का उद्देश्य कृषि नीति बनाने के लिए पंजाब के किसानों से सलाह-परामर्श करना और उनकी राय जानना था। इसमें पंजाब भर से किसान शामिल हुए। दर्जनों स्टॉलें और किसानों ने अपनी रूचि के अनुसार फ़सल की बिजाई और अन्य मुद्दों संबंधी माहिरों के साथ सलाह-परामर्श किया। सलाह-परामर्श हॉल में कृषि मंत्री ने हर स्टॉल पर रुककर किसानों के साथ बातचीत की। उनकी शिकायतें सुनी और उनके सुझाव एवं समस्याओं के हल के बारे में किसानों के नज़रिए को जाना। बाद में मुख्य पंडाल में पहुँचकर उन्होंने किसानों को संबोधित किया।

कृषि मंत्री धालीवाल ने कहा कि फ़सल खरीद की तत्काल और पारदर्शी नीति बनाई गई है। सरकार ने गन्ने का बकाया किसानों को अदा कर दिया है। गन्ने की कीमत में वृद्धि की गई है। कृषि चुनौतियों का ही नहीं बल्कि पंजाब की समस्याओं के हल के लिए खेती को लाभप्रद पेशा बनाना अनिवार्य है। आने वाली 30 जून को लागू होने जा रही कृषि नीति में किसानों के सुझाव शामिल किए जाएंगे। कृषि मंत्री ने पराली के प्रबंधन को पीएयू की सिफारिशों के अनुसार करने की अपील की। कम पानी के उपभोग वाली धान की किस्मों पीआर-126 और बासमती की कृषि पर विशेष ज़ोर दिया।

पशुपालन मंत्री स. लालजीत सिंह भुल्लर ने कहा कि सरकार की यह पहल किसानों के तजुर्बों को सम्मान देने वाली है। आने वाले दिनों में पशुपालकों के साथ भी ऐसी मिलनी का प्रस्ताव है। पशुपालन संबंधी अच्छी नीति बनाकर और सहायक धंधे प्रफुलित किए जाएंगे। ताकि विदेश जाने के रुझान को खत्म किया जा सके। उन्होंने दूध की घरेलू ज़रूरत की पूर्ति के लिए पशुपालन पर ज़ोर दिया। पीएयू के वाइस चांसलर डॉ. सतबीर सिंह गोसल ने कहा कि 12 फरवरी को हुई पहली मिलनी में 15 हज़ार के करीब किसान शामिल हुए थे। प्रवासी किसानों का स्वागत करते हुए बताया कि पाँच देशों से पंद्रह प्रगतिशील किसानों का इस मिलनी और किसान सम्मेलन में जुडऩा हमारा हौसला बढ़ाने के लिए कारगर कदम है। यूनिवर्सिटी ने आने वाले खरीफ की फ़सल सीजन के लिए कम पानी का उपभोग करने वाली किस्मों की सिफारिश की है।

इस मौके पर प्रवासी किसान केवल सिंह बासी, मिंटू बराड़, आश्राकार सिंह गरेवाल, राजिन्दर सिंह मंड, अमनदीप सिंह सिद्धू, रुमेल सिंह तूर, डॉ. बिक्रम सिंह गिल, गुररीत बराड़, हरदीप सिंह, गुरराज सिंह ढिल्लों, डॉ. इन्दर मान, गुरिन्दर सिंह औजला, जगबीर सिंह शेरगिल को सम्मानित किया गया। कृषि मंत्री और पशुपालन मंत्री को यूनिवर्सिटी द्वारा सम्मान चिह्न से नवाज़ा गया। इस मौके पर दो किताबें जारी की गईं। इनमें डॉ. तेजिन्दर सिंह रियाड़, मिस शीतल चावला और कुलबीर कौर की कॉफी टेबल किताब किसानों और कृषि वैज्ञानिकों का अटूट रिश्ता और डॉ. शीतल थापर, डॉ. नरिन्दरपाल सिंह, डॉ. विशाल बैकटर और डॉ. आशु तूर की किताब ‘द रूट्स ऑफ प्रोसपैरेटी’ जारी की गई।

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