गर्मी के दिनों में ज्यादा भोजन या जंक फूड करने से डिहाइड्रेशन का खतरा बढ़ जाता है। ऐसे में ज्यादातर लोग डिहाइड्रेशन का शिकार हो जाते हैं, जिस वजह से लोग तनाव महसूस करने लगते हैं। शरीर में इस समस्य के बढ़ जाने के बाद लोग तुरंत परेशान होने लगते हैं, डॉक्टर्स को खोजने लगते हैं। इस समस्या हम आप बच सकते हैं, बस कुछ चीजों को गंभिरता से लेने की जरूरत है।
डिहाइड्रेशन का मतलब शरीर में पानी की कमी होना। इसी लिए डॉक्टर्स या घर के बड़े बुजुर्ग लोग गर्मी के दिनों में पानी पिने का ज्यादा सलाह देते हैं। आइए जानते हैं कि इस समस्या से बचने के लिए क्या-क्या उपाय हो सकते हैं।
डिहाइड्रेशन को हम निर्जलीकरण के नाम से भी जानते हैं। दरअस शरीर में निर्जलीकरण की समस्या तभी होती है, जब शरीर से पसीना का ज्यादा स्राव होता है। शरीर से पसीना का ज्यादा स्राव होना एक कुदरती गुण है, क्योंकि शरीर बाहरी तापमान से भीतरी तापमान को बराबर करता है। वैसे जो काम शरीर का है वो बखूबी करता है, बस थोड़ी सी लापरवाही हम सब कर जाते हैं, जिस वजह से हम सब परेशान हो जाते हैं।
आपको बता दें कि शरीर से पसीने के स्राव होने के दौरान शरीर से पसीने के साथ मिनीरल्स और लवण भी बाहर निकलते रहते हैं, जिस वजह से शरीर का नमक और शुगर लेवल कम हो जाती है।
हम कैसे पहचाने कि हमारे शरीर में जल की कमी है, तो ऐसे में हमें कुछ लक्षण दिखाई देते हैं, जिससे स्पष्ट हो जाता है कि शरीर निर्जलीकरण का शिकार हो गया है, वो लक्षण निम्न हैं…
सुस्ती और थकान कमजोरी महसूस करना, मुंह का सूखना, कब्ज की शिकायत, घबराहट महसूस करना, ड्राई स्किन, तेज सिरदर्द, चक्कर आना, पेशाब पीले रंग का होना, काफी देर तक पेशाब न लगना आदि तरह के लक्षण सामने दिखाई देने लगते हैं।
गौरतलब है कि हमें डिहाइड्रेड होने से बचने के लिए कुछ सावधानियां बरतनी चाहिए। सबसे पहला उपाय यह है कि हम जब भी हल्की सी प्यास महसूस करें तो तत्काल पानी पी लेना चाहिए। यदि व्यस्त दिनचर्या है तो कोशिश करें कि एक पानी का बोतल आपके पास में हो, ताकि आप समय-समय पर पानी का उचित सेवन करतें रहें।
जरूरी नहीं कि आप दिनभर पानी ही पिएं के साथ अन्य तरल पदार्थ जैसे ग्लूकोज, गन्ने का रस, फलों का रस, लस्सी इत्यादि का भी सेवन किया जा सकता है, हमें हाइड्रेड रखने में मदद करता है।