उत्तराखंड विधानसभा सत्र के तहत आज शनिवार को सतत विकास के लक्ष्य पर चर्चा की जाएगी। विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने बताया कि इसके लिए सत्ता पक्ष और विपक्ष के सभी विधायकों को बुलाया गया है। उत्तराखंड, इस पर चर्चा करने वाला देश का दूसरा राज्य है। इससे पूर्व उत्तर प्रदेश विधानसभा ने इस पर चर्चा की थी। इस चर्चा से जो भी सुझाव आएंगे, उनकी रिपोर्ट लोकसभा को भेजी जाएगी।
दूसरी ओर, भविष्य में आने वाली सरकारों के लिए यह सुझाव प्रदेश के विकास का खाका तैयार करेंगे। इस चर्चा के लिए उन्होंने सत्ता पक्ष और विपक्ष के सभी विधायकों को आमंत्रित किया हुआ है। उत्तराखंड विधानसभा के मानसून सत्र में 28 घंटे 22 मिनट तक विधानसभा का सत्र चला है। निर्धारित पांच दिन के उपवेशन की समाप्ति पर विधानसभा अध्यक्ष ने सदन की कार्रवाई की जानकारी दी। उपवेशन की समाप्ति के बाद मीडिया से बातचीत में विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने बताया कि पहले दिन छह घंटे 19 मिनट, दूसरे दिन छह घंटे 23 मिनट, तीसरे दिन छह घंटे 45 मिनट, चौथे दिन 32 मिनट के व्यवधान के साथ करीब तीन घंटे और पांचवें दिन पांच घंटे तक मिलाकर सदन कुल 28 घंटे और 22 मिनट तक चला।
उन्होंने कहा कि सदन की अधिकांश कार्रवाई हास-परिहास के माध्यम से सौहार्दपूर्ण वातावरण में संपन्न हुई। विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने विपक्ष एवं पक्ष के सभी सदस्यों को सहयोग के लिए धन्यवाद दिया। विधान सभा अध्यक्ष ने कहा कि प्रदेशहित व जनहित के अनेक विषयों पर सदन में दोनों दलों द्वारा शांतिपूर्वक गंभीर चिंतन-मनन किया गया। सत्र के दौरान विधान सभा को 789 प्रश्न प्राप्त हुए, जिसमें स्वीकार 27 अल्पसूचित प्रश्न में 8 उत्तरित, 197 तारांकित प्रश्न में 59 उत्तरित, 496 आताराकिंत प्रश्न में 267 उत्तरित किए गए।
64 प्रश्न अस्वीकार, पांच विचाराधीन रखे गए
कुल 64 प्रश्न अस्वीकार एवं पांच विचाराधीन रखे गए। 23 याचिकाओं में से सभी याचिका स्वीकृत की गई। वहीं, नियम 300 में प्राप्त 108 सूचनाओं में से 21 सूचनाएं स्वीकृत, 25 सूचनाएं ध्यानाकर्षण के लिए, नियम-53 में 70 सूचनाओं में छह स्वीकृत एवं 21 ध्यानाकर्षण के लिए रखी गई।
नियम-58 में प्राप्त 22 सूचनाओं में 20 को स्वीकृत किया गया। नियम-299 में दो सूचना प्राप्त हुई, जो कि स्वीकृत की गई। आठ विधेयक सदन के पटल से पारित हुए, जिनमें उत्तराखंड विनियोग (2021-22 का अनुपूरक) विधेयक, आईएमएस यूनिसन विश्वविद्यालय (संशोधन) विधेयक 2021, डीआईटी विश्वविद्यालय (संशोधन) विधेयक 2021, उत्तराखंड माल और सेवा कर (संशोधन) विधेयक 2021, हिमालयन गढ़वाल विश्वविद्यालय (संशोधन) विधेयक 2021, उत्तराखंड फल पौधशाला (विनियमन) (संशोधन) विधेयक 2021, उत्तराखंड नगर निकायों एवं प्राधिकरणों हेतु विशेष प्राविधान (संशोधन) विधेयक 2021, दून इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (डीआईएमएस) विश्वविद्यालय (संशोधन) 2021 शामिल हैं। इसके अलावा दो असरकारी विधेयक (प्राइवेट बिल) सदन के पटल पर रखे गए, जो पटल से अस्वीकार किए गए। विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि सत्र के दौरान 25वीं बार ऐसा हुआ कि सदन के भीतर प्रश्नकाल में सदस्यों द्वारा पूछे गए सभी तारांकित प्रश्न निश्चित समायावधि (एक घंटा 20 मिनट) में उत्तरित हुए।