मध्य प्रदेशराज्य

भोपाल का आज ऐतिहासिक दिन, CM ने दिखाई MetroTrain को हरी झंडी

भोपाल : राजधानी भोपाल को अब नई रफ्तार मिलने वाली है। मंगलवार को भोपाल मेट्रो का ट्रायल रन किया जा रहा है। सीएम शिवराज सिंह चौहान द्वारा मेट्रो को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया जाएगा। ट्रॉयल रन सुभाष नगर स्टेशन से रानी कमलापति स्टेशन तक होगा। सुभाष नगर से रानी कमलापति स्टेशन तक लगभग 5 किलोमीटर की दूरी है।

भोपाल मेट्रो रेल परियोजना की स्वीकृत लागत 6 हजार 941 करोड़ रूपये है। भोपाल में पहले चरण में लगभग 30.95 किलोमीटर पर मेट्रो रेल का काम चल रहा है। इसमें 16.77 किलोमीटर ऑरेंज लाइन- एम्स से करोंद चौराहा तथा 14.18 किलोमीटर ब्ल्यू लाइन- भदभदा चौराहा से रत्नागिरी तिराहे को जोड़ेगी। सीएम ने सुभाष नगर से रानी कमलापति स्टेशन तक मेट्रो का सफर किया। इससे पहले सुभाष नगर डिपो में सीएम शिवराज ने कहा, मेट्रो यहीं नहीं रुकेगी। इसका विस्तार कर मंडीदीप भी ले जाएंगे, जरूरत पड़ी तो सीहोर और विदिशा भी ले जाएंगे।

सीएम शिवराज ने कहा, मैं बचपन से भोपाल आता था। पहले यहां तांगा चलता था। पहले छोटा सा भोपाल था। तांगे वाला भोपाल था। तांगे से आगे बढ़े तो भट्ट सूअर आए। इसके बाद छोटे ऑटो आएं। टैक्सियां चलीं। फिर स्मार्ट बस चलीं। अब हम सफर तय कर रहे हैं तांगे से लेकर मेट्रो तक का। सीएम शिवराज ने कहा, पहले हमारा मजाक उड़ाते थे कि कहां मेट्रो चलेगी, लेकिन जो हमने कहा था वो किया। गड्‌ढों वाला मध्यप्रदेश मेट्रो वाला हो गया है। मेट्रो में कार वाला, दोपहिया वाला भी सफर करेगा। ये सभी को एक समान बना देगी।

भोपाल मेट्रो के ट्रायल रन को लेकर सुभाष नगर स्टेशन पर उत्सव का माहौल है। यहां स्कूल-कॉलेज के स्टूडेंट्स को भी बुलाया गया। साथ ही मेट्रो को देखने के लिए बड़ी संख्या में लाेग पहुंचें। मंत्री विश्वास सारंग, विधायक रामेश्वर शर्मा, कृष्णा गौर, विष्णु खत्री, महापौर मालती राय, निगम अध्यक्ष किशन सूर्यवंशी, मध्य विधानसभा से बीजेपी प्रत्याशी धुरुनारायण सिंह, उत्तर विधानसभा से बीजेपी प्रत्याशी आलोक शर्मा भी मंच पर मौजूद रहे।

गुजरात के सांवली (वडोदरा) से करीब 850 किलोमीटर की दूरी तय करने के बाद 17 सितंबर की रात में कोच भोपाल लाए गए थे। 18 सितंबर को उन्हें डिपो में बने इंस्पेक्शन बे लाइन (IBL) पर लाया गया था। इसके बाद सीनियर इंजीनियर्स, टेक्निकल एक्सपर्ट्स, सुपरवाइजर सहित 50 से ज्यादा लोगों की टीम कोच को कनेक्ट करने और उनकी टेस्टिंग में लगी थी। 8 दिन यह काम करने के बाद 26 सितंबर को मेट्रो ट्रैक पर चलाकर देखी गई थी। 6 दिन तक मेट्रो को कई बार ट्रैक पर लाया गया। सोमवार को भी मेट्रो को ट्रैक पर चलाकर देखा गया।

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