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ISRO के लिए आज का दिन अहम, चांद के और करीब पहुंचेगा Chandrayaan-3

नई दिल्ली : इसरो ने नौ अगस्त की दोपहर को चंद्रयान -3 अंतरिक्ष यान की कक्षा को और कम करने के लिए दूसरी महत्वपूर्ण मनूवर सफलतापूर्वक की थी और इसे चंद्रमा की सतह के और भी करीब ले गया था। चंद्रयान-3 अब चांद के और भी ज्यादा नजदीक पहुंचने वाला है। अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) अपने तीसरे चंद्रमा मिशन के अंतरिक्ष यान को चंद्रमा के और करीब पहुंचाने के लिए सोमवार यानी 14 अगस्त को महत्वपूर्ण तीसरा ऑर्बिट रिडक्शन मनूवर करेगा। संभावनाएं जताई जा रही हैं कि चंद्रयान 23 अगस्त को सॉफ्ट लैंडिंग कर सकता है।

इसरो ने कहा, ‘ऑर्बिट रिडक्शन मनूवर 14 अगस्त को भारतीय समयानुसार साढ़े ग्यारह बजे से साढ़े बारह बजे के बीच किया जाएगा। इसरो प्रमुख ने कहा कि 23 अगस्त को शाम 5.47 बजे चंद्रयान -3 की सॉफ्ट लैंडिंग की योजना है।’ चंद्रयान 3 की सफल लैंडिंग के बाद भारत, अमेरिका, सोवियत संघ और चीन के बाद ये उपलब्धि हासिल करने वाला चौथा देश बन जाएगा। चंद्रयान-3 का रास्ता चंद्रयान-2 की तरह ही होगा। इसमें तीन फेज शामिल हैं: अर्थ ऑर्बिट मनूवर, ट्रांस लूनर इंजेक्शन, और लूनर ऑर्बिट मनूवर।

इसरो ने नौ अगस्त की दोपहर को चंद्रयान -3 अंतरिक्ष यान की कक्षा को और कम करने के लिए दूसरी महत्वपूर्ण मनूवर सफलतापूर्वक की थी और इसे चंद्रमा की सतह के और भी करीब ले गया था। इसरो ने कहा, ‘दूसरे मनूवर के बाद, चंद्रयान -3 की कक्षा को घटाकर 174 गुणा 1437 किलोमीटर कर दिया गया और इसे चंद्रमा के और करीब ले जाया गया।’ चंद्रयान-3 को पांच अगस्त को चंद्र कक्षा में प्रवेश करने के बाद, यह छह अप्रैल की देर रात को पहली नियोजित कक्षा कटौती प्रक्रिया से सफलतापूर्वक गुजरा था।

इंजनों की रेट्रोफायरिंग ने अंतरिक्ष यान को चंद्रमा की सतह के 170 गुणा 4313 किलोमीटर के करीब ला दिया है। इसरो ने कहा, ‘जैसे-जैसे मिशन आगे बढ़ रहा है चंद्रयान-3 की कक्षा को धीरे-धीरे कम करने और इसे चंद्र ध्रुवों पर स्थापित करने के लिए कई तरीके काम में लिये जा रहे है।’ कुछ प्रयासों के बाद, प्रणोदन मॉड्यूल कक्षा में रहते हुए लैंडर से अलग हो जाएगा। इसके बाद, 23 अगस्त को चंद्रमा के अब तक अनछुए दक्षिणी ध्रुवीय क्षेत्र में ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ की सुविधा के लिए जटिल प्रक्रियों की एक श्रृंखला को अंजाम दिया जाएगा।

अंतरिक्ष एजेंसी ने कहा कि चंद्रयान-3 की सेहत सामान्य है। ‘पूरे मिशन के दौरान अंतरिक्ष यान के स्वास्थ्य की लगातार इसरो टेलीमेट्री, ट्रैकिंग और कमांड नेटवर्क (आईएसटीआरएसी) के मिशन ऑपरेशंस कॉम्प्लेक्स (एमओएक्स), बयालू के पास भारतीय डीप स्पेस नेटवर्क (आईडीएसएन) एंटीना बेंगलुरु, यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ईएसए) और जेपीएल डीप स्पेस एंटीना के सहयोग से निगरानी की जा रही है।

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