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आज ISRO लॉन्च करेगा 8 नैनो सेटेलाइट और ओशनसैट-3, जानें इसकी खासियत

नई दिल्ली. आज ISRO अपने श्रीहरिकोटा (Shriharikota) के सतीश धवन स्पेस सेंटर (Dhawan Space Center)) से सुबह 11:56 बजे ओशनसैट-3 सैटेलाइट (Oceansat-3) लॉन्च करेगा। इस प्रक्षेपण के साथ ही 8 नैनो सैटेलाइट के साथ पीएसएलवी-सी54-ios-06 मिशन भी लॉन्च किया जाएगा। इसमें भूटान का एक सैटेलाइट भी शामिल है। इसका 25 घंटे का काउंटडाउन बीते शुक्रवार यानी 25 नवंबर की सुबह 10।46 पर शुरू हो चुका है।

गौरतलब है कि यह मिशन का प्राथमिक पेलोड ओशनसैट सीरीज के थर्ड जेनरेशन सैटेलाइट Oceansat-3 है। इसके अलावा आनंद नैनो-उपग्रह, जिसे विकसित पिक्सेल इंडिया के द्वारा किया गया है, और ध्रुव स्पेस, एस्ट्रोकास्ट और स्पेसफ्लाइट USA द्वारा विकसित अन्य नैनो-उपग्रहों को भी आज ही लॉन्च किया जाएगा।

पता हो कि कि 2009 में ओशनसैट-2, पृथ्वी-अवलोकन उपग्रह (EOS) को अंतरिक्ष में भेजा गया था। अब ISRO समुद्र के अवलोकनों की निगरानी और रिकॉर्ड करने के लिए तीसरा ओशनसैट-3 ईओएस लॉन्च करने वाली है। जानकारी हो कि Oceansat सीरीज के सैटेलाइट अर्थ ऑब्जर्वेशन सैटेलाइट हैं, जो समुद्र विज्ञान और वायुमंडलीय अध्ययन के लिए ही समर्पित है। कहा जा रहा है कि इसके पांच साल के मिशन जीवन का अनुमान है।

ओशनसैट-3 की खासियत

भारत से PSLV की 56वीं उड़ान होगी और 2022 में यान का पांचवां और अंतिम प्रक्षेपण होगा।
इसमें 44.4 मीटर का रॉकेट 321 टन के उत्थापन द्रव्यमान के साथ आज लॉन्च होगा।
इसका प्राथमिक उपग्रह अर्थ ऑब्जर्वेशन सैटेलाइट-6 होगा।
ISROके वैज्ञानिकों द्वारा किए गए सबसे लंबे मिशनों में से एक है।
उपग्रह का द्रव्यमान 960 किलोग्राम है और यह 1,360 वाट पर काम करेगा।
यह ओशन कलर मॉनिटर, स्कैटरोमीटर और सी सरफेस टेम्परेचर मॉनिटर से लैस है।

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