उत्तर प्रदेश पर आज मां लक्ष्मी की कृपा छप्पर फाड़कर बरस रहीः योगी आदित्यनाथ
लखनऊ: उत्तर प्रदेश की पूर्ववर्ती सरकारों पर निशाना साधते हुए राज्य के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दावा किया कि पहले की सरकारें दंगाइयों की हमदर्द थीं और उन्होंने प्रादेशिक सशस्त्र बल (पीएसी) की कंपनियों को समाप्त करने की कोशिश की थी। यहां लोक भवन में पुलिस के लिए 2310 करोड़ रुपये की 144 ढांचागत विकास परियोजनाओं के उद्घाटन और शिलान्यास के बाद कार्यक्रम को संबोधित हुए मुख्यमंत्री ने कहा, “हर कोई जानता है कि उत्तर प्रदेश का पीएसी बल दंगाइयों के लिए काल है, मगर पिछली सरकारों ने पीएसी की 54 कंपनियों को ही खत्म करने का काम किया था, जिसे हमने पुनर्गठित किया।”
उन्होंने कहा, “ उत्तर प्रदेश आज निवेश का सबसे बड़ा गंतव्य बनकर उभरा है। जिस राज्य में लोग कभी आने से भी कतराते थे, उसे लेकर आज देश-दुनिया का व्यवहार बदला है। उत्तर प्रदेश पर आज मां लक्ष्मी की कृपा छप्पर फाड़कर बरस रही है तो इसके पीछे प्रदेश पुलिस का योगदान सबसे अहम है।” मुख्यमंत्री ने प्रदेश में राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) का गठन, जोनल रेंज स्तर पर फॉरेंसिक प्रयोगशाला, प्रदेश फॉरेंसिक संस्थान इंस्टीट्यूट व विशेष सुरक्षा बल (एसएसएफ) के गठन का भी जिक्र किया।
उन्होंने बताया कि अयोध्या स्थित श्रीरामलला के मंदिर की सुरक्षा का दायित्व एसएसएफ ही उठा रही है। आदित्यनाथ ने प्रदेश पुलिस के व्यवहार में आए बदलाव की भी सराहना की। उन्होंने कहा, “ वर्दी में अगर आप किसी से शिष्टाचार से बात करते हैं तो उसका बहुत सकारात्मक प्रभाव पड़ता है।” मुख्यमंत्री ने कहा, “हमारी शून्य सहनशीलता की नीति समाज विरोधी, राष्ट्रविरोधी और पेशेवर माफिया के लिए होनी चाहिए। आम आदमी के लिए संवेदनशीलता और त्वरित न्याय देने का प्रयास होना चाहिए।” आदित्यनाथ ने कहा, “उत्तर प्रदेश देश का पहला राज्य बन गया है जहां सभी 75 जिलों में साइबर थाने होंगे। 18 जिलों में पहले ये थाने बनाये गये थे और शेष 57 जनपदों में आज शुभारंभ हो रहा है।”
उन्होंने कहा कि इसके साथ ही सभी 1523 थानों में साइबर सेल का गठन किया गया है तथा अब साइबर अपराध से जुड़े मामलों की थानों में ही साइबर सेल में शिकायत दर्ज हो पाएगी। मुख्यमंत्री ने राज्य की जनता और पुलिस कर्मियों को जोड़ने वाली 2310 करोड़ रुपये की परियोजनाओं के लिए गृह विभाग को बधाई दी। उन्होंने कहा कि नये भारत के नये उत्तर प्रदेश में पुलिसबल के आधारभूत ढांचे को सुदृढ़ बनाने का जो काम 2017 से शुरू हुआ है वह तेज गति से जारी है। आदित्यनाथ ने कहा, “यही प्रदेश था जहां कोई आना नहीं चाहता था। नौजवन प्रदेश से बाहर अपनी पहचान बताने से शर्माते थे। प्रदेश में नये जिले तो बना दिये गये थे, मगर पुलिस लाइनों का ही गठन नहीं किया गया था।”
मुख्यमंत्री ने कहा, “ पुलिसकर्मियों को टूटी पलंग, जर्जर भवनों में रहने के लिए मजबूर किया गया। जो पुलिसकर्मी पूरे दिन या पूरी रात ड्यूटी करके अपने बैरक लौटता था उसके लिए आराम करने की व्यवस्था भी 2017 से पहले की सरकारें नहीं दे सकीं।” उन्होंने कहा कि पिछले छह साल में सरकार ने लगभग 20 हजार करोड़ रुपये केवल पुलिस आधारभूत ढांचे को मजबूत बनाने के लिए खर्च किये हैं। मुख्यमंत्री ने कहा, “साथ ही हमने 1,60,000 से अधिक पुलिसकर्मियों की भर्ती पारदर्शी ढंग से बिना भेदभाव के की। डेढ़ लाख से अधिक पुलिसकर्मियों को प्रोन्नति भी दी। हमने पुलिसकर्मियों के कौशल विकास की भी व्यवस्था की।” उन्होंने कहा, “2017 तक जितनी क्षमता थी आज उससे तीन गुना ज्यादा क्षमता हमारे पास है। कुछ ही समय में हम हर जिले में पीएएसी वाहिनी में प्रशिक्षण की अतिरिक्त क्षमता विकसित करेंगे।”
आदित्यनाथ ने जिन परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया उनमें 21 थाने, दो पुलिस लाइन, दो पीएसी वाहिनी, दो उप्र एसटीएफ वाहिनी और 35 थानों में मेडिकल कक्ष का शिलान्यास शामिल है। वहीं तीन थानों के प्रशासनिक भवनों, तीन थानों के आवासीय भवनों, तीन पुलिस चौकियों के प्रशासनिक भवनों, 34 थानों में हॉस्टल/बैरक/विवेचना कक्ष, छह पुलिस लाइन में हॉस्टल, पांच एटीएस फील्ड यूनिट कार्यालय के साथ ही सात अन्य विविध विषयक निर्माण कार्य का भी शिलान्यास किया गया। इसके अलावा 75 जिलों 1523 थानों में साइबर सेल, 57 जिलों में साइबर अपराध थाने, 18 मंडल मुख्यालयों में भ्रष्टाचार निवारण संगठन थाने, आठ जिलों में भ्रष्टाचार निवारण संगठन इकाई तथा प्रयागराज और कुशीनगर में पर्यटन थाने का शुभारंभ किया गया है।