पंजाब

आज किसानों के साथ फिर मीटिंग करेंगे पंजाब के CM मान, जानें किन मुद्दों पर होनी है बात

चंडीगढ़ : पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने किसानों की मांगों पर चर्चा के लिए आज यानी 3 मार्च को संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) के प्रतिनिधियों की एक बैठक बुलाई है। जानकारी दें कि, इस बैठक का आमंत्रण SKM द्वारा अपनी विभिन्न मांगों के समर्थन में पांच मार्च से चंडीगढ़ में एक सप्ताह तक धरना देने का आह्वान किए जाने के बीच आया था।किसानों द्वारा साझा किए गए मुख्यमंत्री कार्यालय के एक पत्र के अनुसारSKM को तीन मार्च को यहां पंजाब भवन में मान की अध्यक्षता में होने वाली बैठक के लिए आमंत्रित किया गया है। जानकारी दें कि, SKM कृषि विपणन पर केंद्र के राष्ट्रीय नीति ढांचे के मसौदे को अस्वीकार करने की मांग कर रहा है, जो स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट के अनुसार न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी देता है।

वहीं इस बार किसान, राज्य की कृषि नीति को सुचारु ढंग से लागू करने, बासमती, मक्का, मूंग, आलू समेत 6 फसलों की राज्य सरकार द्वारा न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर खरीद, कर्ज समाधान के लिए कानून बनाने, हर खेत तक नहर का पानी पहुंचाने और गन्ने का बकाया भुगतान करने की भी मांग रखी हैं. जानकारी दें कि, SKM ने ही अब निरस्त किए गए तीन कृषि कानूनों के खिलाफ 2020 के आंदोलन का नेतृत्व किया था। किसान राज्य की कृषि नीति को लागू करने, बासमती, मक्का, मूंग, आलू समेत छह फसलों की राज्य सरकार द्वारा न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर खरीद, कर्ज समाधान के लिए कानून बनाने, हर खेत तक नहर का पानी पहुंचाने और गन्ने का बकाया भुगतान करने की मांग कर रहे हैं।

जानकारी दें कि, बीते 27 फरवरी को किसानों की विभिन्न मांगों को लेकर केंद्र पर दबाव बनाने के लिए एकजुट होने के उद्देश्य से संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम),SKM (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा (केएमएम) के बीच बृहस्पतिवार को हुई चौथी बैठक भी अनिर्णायक रही थी। हालांकि, तीनों किसान संगठनों ने कहा था कि संयुक्त लड़ाई के लिए उनके प्रयास जारी हैं।

यहSKM,SKM (गैर-राजनीतिक) और KMM के बीच एकजुटता वार्ता का चौथा दौर था, क्योंकि तीनों किसान संगठन पिछले तीन दौर की बैठक में किसी आम सहमति पर पहुंचने में विफल रहे थे। बृहस्पतिवार को यहां हुई बैठक मेंSKM की ओर से किसान नेता जोगिंदर सिंह उगराहां, रमिंदर सिंह पटियाला, दर्शन सिंह, झंडा सिंह जेठुके, जंगवीर सिंह चौहान और हरिंदर सिंह लाखोवाल मौजूद थे।SKM (गैर-राजनीतिक) और केएमएम का प्रतिनिधित्व सरवन सिंह पंधेर, काका सिंह कोटरा और अभिमन्यु कोहाड़ सहित अन्य ने किया।

वहीं इस बैठक के बाद मीडिया को संबोधित करते हुए SKM नेता उगराहां ने कहा कि तीनों किसान संगठनों के बीच विस्तृत चर्चा हुई थी। जहां उन्होंने कहा था कि, तीनों संगठनों के बीच पूर्ण एकजुटता बनाने के लिए कई मुद्दों पर चर्चा की जरूरत है। अन्य किसान नेताओं ने कहा कि बैठक सौहार्दपूर्ण माहौल में हुई।

बता दें कि,SKM जिसने अब वापस लिये जा चुके तीन कृषि कानूनों के खिलाफ 2020 के आंदोलन का नेतृत्व किया था,SKM (गैर-राजनीतिक) और केएमएम के नेतृत्व में चल रहे आंदोलन का हिस्सा नहीं है। SKM,SKM (गैर-राजनीतिक) और केएमएम के बीच एकता बनाने के प्रयास पिछले साल फरवरी में विफल हो गए थे।

वहीं बीते साल दिसंबर में एकजुटता के लिए बातचीत उस वक्त शुरू हुई थी, जब किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी सहित अन्य मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन अनशन पर बैठ गए। आमरण अनशन आज भी जारी है।

बता दें कि,SKM (गैर-राजनीतिक) और केएमएम के बैनर तले किसान, सरकार पर अपनी विभिन्न मांगों को स्वीकार करने के लिए दबाव बनाने को लेकर ‘दिल्ली चलो’ मार्च का नेतृत्व कर रहे हैं, जिसमें फसलों के लिए एमएसपी की कानूनी गारंटी भी शामिल है। प्रदर्शनकारी किसान पिछले साल 2024 13 फरवरी से पंजाब और हरियाणा के बीच शंभू (शंभू-अंबाला) और खनौरी (संगरूर-जींद) सीमाओं पर डटे हुए हैं, जब सुरक्षा बलों ने उनके दिल्ली मार्च को रोक दिया था।

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